गुरुवार को इस मामले में अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश (एडीजे) सच्चिदानंद सिंह ने फैसला सुनाया। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस केस में फैसला सुनाने की तय सीमा 5 सितंबर रखी थी। तय सीमा से पांच दिन पहले ही कोर्ट ने फैसला सुना दिया। इस केस में उस वक्त अहम मोड़ आ गया था, जब पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस इकबाल अहमद अंसारी के द्वारा रॉकी यादव को दी गई जमानत को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी। पटना हाईकोर्ट के फैसले को बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
इस केस के ट्रायल के दौरान आदित्य के दोस्त घटना के वक्त चश्मदीद थे, लेकिन चारों दोस्तों और घटना के वक्त मौके पर मौजूद एक पुलिस कॉन्सटेबल ने दबाव में आकर अपने बयान बदल लिए थे। इन सभी चश्मदीदों ने रॉकी यादव को पहचानने से इनकार कर दिया था। ऐसे में गवाहों के बयान के बयान से पलट जाने से केस में नया मोड़ आ गया था। इसके बाद काफी कुछ सबूत जैसे कि रॉकी यादव की पिस्टल से चली गोली और घटना के वक्त उसके मोबाइल फोन की लोकेशन और फॉरेंसिक रिपोर्ट पर मामला टिक गया था। केस के निपटारे के कुछ हफ्ते पहले ही एडीजे एसपी मिश्रा की अदालत से ये केस एडीजे सच्चिदानंद की अदालत में ट्रांसफर कर दिया गया था।