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बातचीत के जरिए हल निकालने की कोशिश-
ऐसे में एहसान की कोशिश है कि वह इस सुनवाई से पहले बीसीसीआई के साथ फिर से बातचीत शुरू करें। इस पर एहसान ने कहा कि यह प्रक्रिया अब सुलझने की स्थिति में नहीं है। अब निष्कर्ष पर पहुंचने का अंतिम चरण आ गया है। भविष्य के लिए दोनों बोर्डो को एक सामान्य समाधान खोजना होगा और मैं इस खेल के लिए हर संभव प्रयास की तलाश करूंगा।
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लंबे समय से नहीं हो रहा है सीरीज-
एहसान ने यह भी कहा कि अगर वह इस विवाद में शामिल होते, तो इसे सुलझाने के लिए हर प्रकार का प्रयास करते। दुर्भाग्य से अब पीसीबी इस स्थिति में है, लेकिन अब भी बोर्ड को आगे बढ़ना होगा। हालांकि, बातचीत के लिए उनके द्वार हमेशा खुले हैं। बताते चले कि भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से द्विवक्षीय सीरीज नहीं हो रही है। भारत और पाकिस्तान के बीच आखिरी बार द्विपक्षीय सीरीज 2007 में खेली गई थी। इसके बाद आंतकी वारदातों में पाकिस्तान का हाथ होने और घुसपैठ की बढ़ती घटनाओं के कारण भारत ने पाकिस्तान के साथ क्रिेकेट संबंध स्थगित कर दिए थे।