सनराइजर्स हैदराबाद ने 2016 में खिताब जीता था, तब उन्हें ऑस्ट्रेलिया खिलाड़ी की कप्तानी में ही जीत मिली थी. 2016 में सनराइजर्स हैदराबाद के कप्तान डेविड वॉर्नर थे, जो अब दिल्ली कैपिटल्स के लिए बतौर बल्लेबाज के तौर पर खेल रहे हैं। सनराइजर्स ने एक बार फिर ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी पर जमकर बोली लगाई और कमिंस को 20.50 करोड़ में खरीदा। पैट कमिंस का प्रदर्शन इस सीजन कुछ खास नहीं रहा है। हालांकि टीम ने अपने बल्लेबाजों के दमपर विरोधी गेंदबाजों के मन में भय पैदा कर दिया है।
कोलकाता नाइट राइडर्स को इस सीजन सबसे मंहगा पड़ रहा है मिचेल स्टार्क को प्लेइंग 11 में शामिल करना। जिस खिलाड़ी को केकेआर ने सबसे ज्यादा पैसे दिए वह खिलाड़ी टीम के लिए सिरदर्द बन चुका है। स्टार्क की जमकर पिटाई तो हो ही रही है साथ ही जरुरत पड़ने पर वह रन बचाने की बजाए इतना रन लुटा रहे हैं कि टीम जीता हुआ मैच भी हारने के कागार पर पहुंच जा रही है।
मुंबई से ट्रेड के जरिए रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के खेमे में गए कैमरन ग्रीन का हाल तो और भी बुरा है। ग्रीन अब तक वैसी बल्लेबाजी नहीं कर पाए हैं, जिसके लिए वह जाने जाते हैं। 17.50 करोड़ लेकर आरसीबी में आने वाले ग्रीन ने 6 पारियों में सिर्फ 74 रन बनाए हैं, जिसमें एक भी अर्धशतक शामिल नहीं है। यही नहीं वह सिर्फ 3 छक्के और 6 चौके लगा पाए हैं।
टीम के लिए सिरदर्द बने ये खिलाड़ी
2022 की आईपीएल चैंपियन गुजरात टाइटंस ने ऑस्ट्रेलिया के स्पेंसर जॉनसन को 10 करोड़ देकर टीम में शामिल किया। इस गेंदबाज ने अब तक 5 मैच खेले हैं, 16 ओवर की गेंदबाजी की है और सिर्फ 4 विकेट हासिल किए हैं। वह अब तक 151 रन लुटा चुके हैं। टाइटंस की टीम भी प्लेऑफ की दौड़ से लगभग बाहर होने के कगार पर खड़ी है। इन चारों ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने मिलकर टीम मालिकों का खूब चुना लगाया है, अगर ये कहा जाए तो गलत नहीं होगा।