दरअसल सुप्रीम कोर्ट द्वारा बीसीसीआई में गठित प्रशासकों की समिति (सीओए) खिलाड़ियों के व्यवहार को बेहतर बनाने के लिए काउंसलिंग प्रोग्राम लागू करने जा रहा है। यह योजना राष्ट्रिय क्रिकेट अकैडमी बेंगलुरु में भारतीय जूनियर टीम के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ की देखरेख में तैयार कि जाएगी। इस कार्यक्रम के तहत भारतीय सीनियर टीम के साथ इंडिया- ए, और अंडर-19 के खिलाड़ियों के बिहेवियर को लेकर काउंसलिंग की जायेगी। इस काउंसलिंग में पेशेवर खिलाड़ियों से जुड़े हर पहलू को शामिल किया जाएगा। इसमें लैंगिक संवेदनशीलता पर भी सत्र शामिल होगा।
इस बारे में जब द्रविड़ से पूछा गया तो उन्होंने कहा ” यह बहुत जरूरी है कि आप खेल के मैदान से दूर रहकर आराम करें और हस्ते हुए कहा यह सोचना बिल्कुल गलत हैं कि मैंने अपनी लाइफ में आनंद नहीं लिया।” द्रविड़ ने आगे कहा “ऐसा नहीं है कि मैंने एन्जॉय नहीं किया या मैं टूर के दौरान बाहर नहीं गया। लेकिन जब आप अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हैं और लोग आपको पहचानने लगते हैं, तो इस पहचान के साथ एक जिम्मेदारी भी आती है। इसलिए आपको अपने लिए इन नियमों का पालन करना चाहिए।
इतना ही नहीं द्रविड़ ने कहा ‘इस मामले को लेकर हमें ओवर रियेक्ट नहीं करना चाहिए। ये पहली बार नहीं है जब किसी खिलाड़ी से कोई गलती हुई हो और ये आखिरी बार भी नहीं है। खिलाड़ियों ने पहले भी गलतियां की हैं। ऐसे नहीं है कि इस मामले में उन्हें शिक्षा देने के बाद आने वाले समय में युवा खिलाड़ी गलती नहीं करेंगे। बस हम लोगों को अभी इस मामले में ओवर रियेक्ट नहीं करना चाहिए।