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BCCI के अधिकारी पर यौन प्रताड़ना का संगीन आरोप, COA चीफ विनोद राय भी लपेटे में

Published: Sep 15, 2018 12:45:17 pm

Submitted by:

Akashdeep Singh

COA चीफ विनोद राय को पत्र लिखकर बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव ने कई गंभीर मुद्दों से उनको रूबरू कराया है।

नई दिल्ली। BCCI के एक वरिष्ठ अधिकारी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव आदित्य वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (COA) के चीफ विनोद राय को एक पत्र(मेल) लिखते हुए सवाल पूछा है कि वह एक BCCI कर्मी द्वारा किए गए यौन उत्पीड़न के मामले पर चुप क्यों हैं। वर्मा ने आगे बताया है कि बोर्ड के पास यौन उत्पीड़न के मामले देखने के लिए कोई भी समिति नहीं थी ऐसे में राय यह मामला जिला शिकायत समिति के पास भी नहीं ले गए। BCCI की शिकायत समिति का गठन अप्रैल 2018 में हुआ है। इस पत्र में वर्मा ने आरोपी के नाम का खुलासा नहीं किया है।


आदित्य वर्मा ने पत्र में लिखा-
आदित्य वर्मा ने विनोद राय पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि आपने कानून से अलग जाकर अपने अधिकारी को बचाने के लिए इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने इस पत्र में यह भी बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे मामलों के लिए विशाखा गाइडलाइंस बनाई है जिसे आपने फॉलो नहीं किया और साथ ही आपने इस मामले को जिला शिकायत समिति के पास भी नहीं भेजा। उन्होंने पत्र में इस बात पर हैरानी जताई है कि BCCI के पास यौन उत्पीड़न के मामलों के लिए लोई आंतरिक समिति नहीं है।


इसके साथ ही उन्होंने कई और सवाल भी पूछे-
इसके साथ ही वर्मा ने इस मेल में कई और आरोप लगाए हैं। उन्होंने बिहार क्रिकेट से जुड़े सात मुद्दों पर सवाल उठाया है। उन्होंने पटना सेंट्रल के विधायक अरुण कुमार सिन्हा के बेटे को विजय हज़ारे ट्रॉफी के लिए टीम में शामिल किए जान पर सवाल खड़े किए हैं जोकि कुछ दिन पहले टीम के चयनकर्ता भी थे। उन्होंने प्रज्ञान ओझा को बिहार टीम से जोड़ने पर भी जांच की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने झारखण्ड से क्रिकेट खेल चुके कई खिलाड़ियों के बिहार टीम से जुड़ने पर भी सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने खिलाड़ियों से रुपए लेकर उनको टीम में चयन करने का आरोप भी लगाया है।


कौन हैं आदित्य वर्मा-
आदित्य वर्मा BCCI से गैर मान्यता प्राप्त बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव हैं। अभी हाल ही में BCCI से मान्यता प्राप्त बिहार क्रिकेट एसोसिएशन ने उनके बेटे पर 2 साल के लिए क्रिकेट खेलने पर प्रतिबन्ध लगा दिया था। आदित्य वर्मा पिछले कई सालों से बिहार की घरेलु क्रिकेट में वापसी के लिए लड़ाई लड़ रहे थे। इसके लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दर्ज की थी जिसपर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बिहार क्रिकेट बोर्ड पर लगे हुए बैन को हटाने का आदेश सुनाया था।

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