कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि महानिदेशक (क्रिकेट संचालन) सबा करीम ने ही प्रशासकों की समिति (सीओए) के अध्यक्ष विनोद राय को राठौर के नाम का सुझाव दिया था। उधर, बीसीसीआई के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी ने बोर्ड के सीईओ राहुल जौहरी को इस संबंध में चिट्ठी लिखी है। इस पत्र में उन्होंने लिखा है कि इस पूरी प्रक्रिया में राहुल द्रविड़ के नाम का गलत इस्तेमाल हुआ है। चौधरी ने कहा है कि लंबे समय तक भारतीय क्रिकेट पर अधिकार जमाने वाले जमींदार एक बार फिर भारतीय क्रिकेट में वापसी करना चाहते हैं। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि वह इसे अपने तरीके से चलाना चाहते हैं।
पत्र में ये बातें भी हैं अमिताभ चौधरी ने अपने पत्र में लिखा है कि- ‘मैं इस पद (इंडिया ए का बैटिंग कोच) की नियुक्ति के लिए दिए गए किसी भी तरह के इश्तेहार से वाकिफ नहीं हूं। मैंने मीडिया में आई उस खबर को देखा जिसमें विक्रम राठौर को इंडिया-ए का बल्लेबाजी कोच नियुक्त करने की बात कही गई है। यदि यह नियुक्ति विज्ञापन के बिना हुई है तो नियमों का उल्लंघन है।’
पत्र में आगे लिखा है कि- ‘…किसने पहले कहा कि बल्लेबाजी कोच की जरूरत है, जबकि राहुल द्रविड़ जैसा इंसान वहां कोच है। …किसने विक्रम राठौर का नाम सुझाया? राहुल को जानते हुए मैं यह कह सकता हूं कि अगर उन्होंने नाम सुझाया होता तो वह यह नहीं कहते कि विक्रम की नियुक्ति के लिए प्रक्रिया का पालन नहीं करना चाहिए।’
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि ‘सबा करीम और विक्रम राठौर ने चार साल राष्ट्रीय चयनकर्ता के रूप में काम किया है। मैं इस बात पर विश्वास नहीं कर पा रहा हूं कि इस बात का पता किसी को नहीं था। इसके अलावा, विक्रम के पास ब्रिटेन का पासपोर्ट है, ऐसे में क्या विदेशी कोच नियुक्त करने का फैसला सर्वसम्मति से लिया गया था?’
विक्रम राठौड़ की नियुक्ति पर रोक विक्रम राठौर को वायनाड में भारत ए के साथ अपना कार्यकाल शुरू करना था. विवाद होने के बाद उनकी नियुक्ति पर रोक लग गई है। BCCI के एक अधिकारी ने कहा कि- ‘हां, सीओए ने राठौर की नियुक्ति को मंजूरी दे दी थी, लेकिन राठौर ने कपूर के साथ अपने रिश्तों के बारे में लिखित में बताया है। नियुक्ति पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए गए हैं। सबा करीम ने ही राहुल द्रविड़ की सिफारिश पर उनकी नियुक्ति का फैसला किया था।