कुंबले ने कहा धोनी पर निर्भर न रहें –
कुंबले ने धोनी की फॉर्म पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि टीम इंडिया को चाहिए कि अब वह धोनी पर बहुत अधिक निर्भर न रहे और मिडल ऑर्डर को संभालने की जिम्मेदारी दूसरे खिलाड़ियों पर डाले। माही अब पहले जैसे गेम फिनिशर नहीं रहे हैं। अब उनका बल्ला वैसे नहीं चलता जैसे पहले चलता था। ” बता दें धोनी बेहद धीमी गति से बल्लेबाजी करते हैं जिसके चलते दूसरे बल्लेबाजों पर दवाओं बढ़ जाता है। एशिया कप के दौरान धोनी ने तीन परियां खेली जिसमें उन्होंने मात्र 77 रन बनाए। इन 77 रनों में भी एक पारी 36 रन की है। ये पारी उन्होंने फाइनल मुकाबले में बांग्लादेश के खिलाफ खेली थी। इससे पहले धोनी इंग्लैंड दौरे पर भी सीमित ओवरों की सीरीज में अपने बल्ले से कुछ खास प्रभावित नहीं कर पाए थे।
चयनकर्ताओं ने भी उठाए थे सवाल –
बता दें एशिया कप के बाद बहुत से पूर्व खिलाड़ियों ने धोनी पर सवालिया निशान खड़े किए थे। पूर्व तेज़ गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद ने भी धोनी के फॉर्म पर सवाल उठाए थे। भारतीय टीम एक मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने धोनी के फॉर्म को लेकर कहा कि धोनी को बल्ले से रन भी बनाने होंगे। प्रसाद ने अगले साल इंग्लैंड में होने वाले विश्वकप को ध्यान में रखते हुए कहा “धोनी को मध्यक्रम कि जिम्मेदारी उठाते हुए रन बनाने होंगे। हमारे मध्यक्रम के लिए ये टूर्नामेंट एक रियलिटी चेक था, जिसमें अभी भी कई खामियां हैं।” प्रसाद ने आगे लिखा ”ऋषभ पंत अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन धोनी की विकेटकीपिंग का कोई जवाब नहीं है। धोनी ने विकेटकीपिंग तो जबरदस्त की, लेकिन बल्ले से उनको रन बनाने की जरुरत है।”