पुलिस अधीक्षक जय यादव ने बताया कि जालेऊ गांव के निवासी इंद्रचंद और उसके चाचा गोविंदराम पारीक के घर आस-पास ही हैं। गोविंदराम की 21 साल की बेटी माया का दूसरे समुदाय के युवक से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। इंद्रचंद ने इसका विरोध किया और माया को डांटा।
इससे खफा माया ने बदला लेने के लिए इंद्रचंद की ढाई वर्ष की बेटी समृद्धि पारीक को घर में बने पानी के कुंड में डूबो दिया। वह चीख नहीं सके, इसके लिए कुंड के ढक्कन पर बर्तन रख दिया। कुछ देर बाद समृद्धि की मौत हो गई। इसके बाद माया ने समृद्धि के शव को बाहर निकाला और प्लास्टिक के कट्टे में डाल पशुओं के चारे में छिपा दिया।
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गांव के लोगों ने घर के पास स्थित मंदिर में लगे सीसीटीवी के फुटेज देखना शुरू किया। जिसमें माया अपनी भतीजी समृद्धि को गोद में लेकर होद की तरफ जाते हुए दिखाई दी। माया से गांव के लोगों ने पूछताछ की तो उसने हत्या करना स्वीकार कर लिया। उसने बताया कि भाई इंद्रचंद ने उसे दूसरे समुदाय के युवक से प्रेम करते हुए पकड़ लिया था। बाद में उसकी बदनामी की गई। इसका बदला लेने के लिए उसने हत्या की है।