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पौने दो लाख रुपए खर्च कर थाइलैंड में जीता स्वर्ण पदक, प्रमाण पत्र काम का नहीं

locationचुरूPublished: Feb 09, 2019 11:51:14 am

Submitted by:

Madhusudan Sharma

फर्जी खेल संगठनों का जाल राजस्थान से लेकर पूरे भारत व एशिया के कुछ देशों तक फैला हुआ है। युवाओं को इंटरनेशनल खेलों का झांसा देकर थाईलैंड, भूटान, नेपाल, मलेसिया तक ले जा रहे हैं।

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पौने दो लाख रुपए खर्च कर थाइलैंड में जीता स्वर्ण पदक, प्रमाण पत्र काम का नहीं

चूरू. फर्जी खेल संगठनों का जाल राजस्थान से लेकर पूरे भारत व एशिया के कुछ देशों तक फैला हुआ है। युवाओं को इंटरनेशनल खेलों का झांसा देकर थाईलैंड, भूटान, नेपाल, मलेसिया तक ले जा रहे हैं। इसके लिए युवाओं से मोटी रकम भी ले रहे हैं। हरियाणा के सीमावर्ती जिलों लोहारू, सिवानी व सिरसा, हिसार के फर्जी खेल संगठनों का जाल चूरू, झुंझुनूं व हनुमानगढ़ तक फैला हुआ है। युवाओं को वहां पर स्वर्ण व रजत, कांस्य सभी पदक व प्रमाणपत्र दिला रहे हैं लेकिन उन प्रमाण पत्रों की यहां कोई उपयोगिता नहीं है। लोहारू के गांव कुशलुपरा निवासी अंशिका ने बताया कि वह 2016 में थाइलैंड के बैंकॉक में नेशनल खेलने गई थी। डेढ़ लाख रुपए ले स्पोटर्स एकेडमी को दिया। 20 हजार रुपए अलग से खर्च हुए। वहीं पर भारोत्तोलन में स्वर्ण पदक जीता। बड़ी खुशी हुई घरवालों ने भी सम्मान किया। लेकिन जब भिवानी स्थित खेल अधिकारी के पास सम्मान के लिए आवेदन किया तो उन्होंने प्रमाण पत्र फैंक दिया और कहा कि इस प्रमाण पत्र से तुझे कुछ नहीं दिला सकता और न ही तुझे इससे कोई लाभ मिलेगा। उसके साथ चार-पांच खिलाड़ी गर्इं थी किसी ने कोई शिकायत नहीं की ती उसने भी नहीं की।
1500 मीटर में जीता स्वर्ण पदक, प्रमाण पत्र निकाल फर्जी
स्कूल गेम डवलपमेंट फाउंडेशन द्वारा उदयपुर में आयोजित राष्ट्रीय 1500 मीटर दौड़ प्रतियोगिता में सरदारशहर के गांव सवाई छोटी के युवक रोहित ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में रजत पदक प्राप्त किया। उसे नेपाल में आयोजित होने वाली दौड़ प्रतियोगिता में भी चयनित किया गया। आने-जाने-खाने व एंट्री फीस के लिए युवक ने तीन हजार रुपए दिया। लेकिन खेल विभाग ने इस प्रतियोगिता को फर्जी बता दिया। इसके बाद युवक को इस फर्जी खेल का पता चला। युवक ने बताया के ले जाने वालों ने बताया कि इससे भर्ती में छूट मिलेगी।
10 से 20 हजार देकर नेशनल खेला लेकिन प्रमाणपत्र अमान्य
राजगढ़ की वंदना ने जयपुर में इंडो-नेपाल इंटरनेशनल कराटे चैम्पियशिप 2018 में भाग लेने के लिए 10 हजार रुपए दिया। 40 किलो वर्ग में प्रथम रही। इसी प्रकार राजगढ़ का ही देवेश नेपाल में इंटरनेशनल कराटे प्रतियोगिता 2018 में भाग लिया और तीसरा स्थान प्राप्त किया। 20 हजार रुपए खर्च किए। लेकिन आने के बाद जिला खेल अधिकारी को प्रमाणपत्र दिखाने गए तो उन्हे बताया कि सभी प्रमाणपत्र फर्जी है। लेकिन उसके बाद भी परिजनों ने उक्त संस्थाओं के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नहीं कराया।
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