scriptराजस्थान में पेपरलीक के बाद सामने आए जाली अंकतालिकाओं के खेल में बड़ा खुलासा | Big revelation in the game of fake mark sheets that came to light after paper leak in Rajasthan | Patrika News
चुरू

राजस्थान में पेपरलीक के बाद सामने आए जाली अंकतालिकाओं के खेल में बड़ा खुलासा

Rajasthan News: राजस्थान में पेपरलीक के बाद सामने आए जाली अंकतालिकाओं के खेल में बड़ा खुलासा हुआ है।

चुरूApr 24, 2024 / 05:03 pm

Santosh Trivedi

चूरू। पेपरलीक के बाद सामने आए जाली अंकतालिकाओं के खेल में बड़ा खुलासा हुआ है। पिछले कई साल से ओपीजेएस सहित कई विवि के नाम से जाली अंकतालिका देने वाले गिरोह की ओर से विभिन्न पाठ्यक्रमों की अंकतालिका विद्यार्थियों को दी जा रही थी। विद्यार्थियों के सत्यापन के लिए इन विवि में पहुंचने पर जाली अंकतालिका खुलासा होता।
खुद ओपीजेएस विवि प्रबंधन की ओर से अब तक 150 से अधिक जाली अंकतालिका पकड़ी गई। इन अंकतालिकाओं के आधार पर उच्च शिक्षा विभाग व पुलिस को शिकायत भी दी गई। यदि उस समय पुलिस की ओर से जाली अंकतालिका देने वाले गिरोह पर शिकंजा कसा जाता तो शायद एक हजार से अधिक विद्यार्थियों के साथ ठगी नहीं होती। पिछले दिनों एसओजी टीम ने तीन दलालों को कुछ अंकतालिकाओं के साथ पकड़ा था। हालांकि पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है।

डीपीएड की अंकतालिकाओं के बाद विवाद

ओपीजेएस विवि की गिरोह सदस्यों की ओर से कई विद्यार्थियों को इस पाठ्यक्रम की नकली डिग्री बांटने की शिकायत है। जबकि विवि की ओर से डीपीएड की मान्यता को लेकर भी अलग तर्क दिया गया है। इसमें बताया कि विवि को एनसीटीई की ओर वर्ष 2016 में ही डीपीएड मान्यता दी गई थी। इस बीच विवि परिसर में आग लगने की वजह से दस्तावेज जल गए। इधर, एनसीटीई ने विवि को मान्यता के दस्तावेजों की डुप्लीकेट कॉपी नहीं दी गई थी। अब न्यायालय के दखल के बाद मान्यता की कॉपी भी मिल गई।

चार बार जांच, हर बार क्लीन चिट

विधायक मनोज न्यांगली व कई विद्यार्थियों की शिकायत पर ओपीजेएस विवि की शिकायत उच्च शिक्षा विभाग तक भी पहुंची। विवि की चार बार जांच हुई। हर बार उच्च शिक्षा विभाग की ओर से क्लीन चिट दी गई। वहीं पिछले दिनों एसओजी ने भी जाली अंकतालिका के मामले में जांच की। मामला दिल्ली के विद्यार्थियों तक भी पहुंचा। इसके बाद एसओजी ने भी विवि को क्लीन चिट दे दी।

पड़ताल: कई साल से खेल, कार्रवाई नहीं हुई तो बढ़ती गई हिम्मत

जाली अंकतालिका देने वाले गिरोह की पड़ताल में सामने आया कि छात्र जिस भी पाठ्यक्रम में प्रवेश की बात करते वह हां भर लेते। इसके बाद पुरानी अंकतालिकाओं को स्कैन कर सन, नाम आदि बदलकर वह अंकतालिका थमा देते। खास बात यह है कि इन जाली अंकतालिकाओं के बदले में वह विद्यार्थियों से मोटी रकम वसूलते। विवि में जब छात्र सत्यापन के लिए जाते तब ठगी का पता लगता था।

कन्सलटेंसी संचालकों ने कई जगह खोल दिए ऑफिस

गिरोह की ओर से विद्यार्थियों को घर बैठे स्नातक, बीएड सहित 20 पाठ्यक्रमों की डिग्री दिलाने के लिए कई शहरों में ऑफिस भी खोल दिए। कन्सलटेंसी संचालकों के जरिए कई जिलों में इनका नेटवर्क भी बढ़ता गया। एसओजी की जांच में सामने आया कि गिरोह की ओर से एक हजार से अधिक विद्यार्थियों को अंकतालिका इस गिरोह की ओर से दी गई।

साख खराब करने की कोशिश

कुछ लोगों ने विवि की जाली अंकतालिका विद्यार्थियों को दी है। इसकी शिकायत विवि प्रशासन पहले भी पुलिस को दे चुका है। सत्यापन के लिए आने वाले विद्यार्थियों से कुछ जाली अंकतालिका जब्त भी की है। जाली अंकतालिकाओं के मामले की निष्पक्ष जांच होने पर पूरा सच सामने आ जाएगा। विवि प्रशासन का इस पूरे प्रकरण से कोई लेना-देना नहीं है। कुछ लोगों की ओर से बिना वजह विवि की साख कराने की यह कोशिश है। विवि की ओर से वही पाठ्यक्रम संचालित किए जाते है जिनकी मान्यता है।
  • एडवोकेट राकेश सेरावत ,चेयरमैन, ओपीजेएस विवि, चूरू

Home / Churu / राजस्थान में पेपरलीक के बाद सामने आए जाली अंकतालिकाओं के खेल में बड़ा खुलासा

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो