जांच में पाया गया कि तलघर में एक काल कोठरी नुमा कमरे में लोगों को बंद कर नशा छुड़ाने का काम किया जा रहा है। टीम ने बताया कि ऐसी कोठरी किसी जेल में भी नहीं है। नशा छुड़ाने के नाम पर लोगों को प्रताडि़त किया जा रहा है। हालांकि पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की। जिसकी शिकायत की गई थी उसे छुड़वा दिया गया।
खारिया के देवीसिंह ने की शिकायत खारिया गांव के देवीसिंह राजपूत ने एसपी को पत्र देकर केन्द्र में बंधक बनाए गए भाई सुशील सिंह को छुड़ाने की मांग की। पत्र में लिखा है कि उसके भाई सुशील कुमार को नशा छुड़ाने के नाम पर उसे केन्द्र में ले गए थे। उससे अबतक एक लाख रुपए ले लिए ५० हजार रुपए और मांग रहे हैं। रुपए नहीं देने के कारण भाई को बंधक बना लिया है। जबकि अभी तक उसका नशा छूटा नहीं है। उसके भाई को अधिक पॉवर की दवाएं दे रहे हैं जिससे उसका मानसिक संतुलन बिगड़ गया है।
टीम ने बताया कि केन्द्र में लोगों के साथ अमानवीय तरीके से व्यवहार किया जा रहा है। जो दवाएं दी जा रही हैं उसका संधारण भी नहीं हो रहा है। केन्द्र के तलघर में राजेश, राजपाल, विवेक, भगवानाराम, सुशील, रामलाल, पंकज, राजेश तख्त व जमीन पर बैठे थे। बड़ी मात्रा में दवाइयां भी नहीं मिली। लेकिन उनके साथ अमानवीय व्यहार किया जा रहा है।
हरियाणा का युवक चला रहा नशामुक्ति केन्द्र जांच के दौरान केन्द्र में गांव ढाणी भागमाना, हिसार (हरियाणा) निवासी अभिमन्यू उर्फ सुखदेव को मिला। पूछताछ में सुखदेव ने बताया कि केन्द्र के निदेशक रमेश कुमार व उपाध्यक्ष राकेश कुमार हैं। दोनों भादरा व फतेहा बाद के हैं।पूछताछ में रमेश ने बताया कि दवाइयां एमएस डा. प्रमोद कुमार बिंदा के निर्देश पर दी जाती है। जबकि प्रमाण पत्र के मुताबिक बिंदा होम्योपैथी के चिक्तिक हैं जो एलोपैथी दवा नहीं लिख सकते। डा. बिंदा के अस्पताल में विजिट करने का कोई रिकार्ड नहीं मिला। यहां तक कि टीबी के एक मरीज को भी उन्ही के साथ रखा जाता है, जो चिकित्सकीय नियम के खिलाफ है। कार्रवाई के लिए पुलिस को अवगत करा दिया गया है। वहीं केन्द्र के उपाध्यक्ष राकेश का कहना है कि यहां योग के माध्यम से नशा छुड़ाया जाता है।
टीम में ये थे शामिल
एसीएमएचओ डा. मनोज शर्मा, बीसीएमएचओ डा. सुनील जांदू, डीपीएम चरणसिंह, राजगढ़ बीपीएम धर्मपाल मूड, एडीसी अनूप रावत, औषधि नियंत्रक अधिकारी चन्द्र कांत शर्मा शामिल थे। इनका कहना है
एसीएमएचओ डा. मनोज शर्मा, बीसीएमएचओ डा. सुनील जांदू, डीपीएम चरणसिंह, राजगढ़ बीपीएम धर्मपाल मूड, एडीसी अनूप रावत, औषधि नियंत्रक अधिकारी चन्द्र कांत शर्मा शामिल थे। इनका कहना है
”जांच में जो भी खामियां मिली थी। उसकी रिपोर्ट बनाकर पुलिस को दे दी गई है। मामले की जांच कर पुलिस को कार्रवाई करना चाहिए। विभाग की तरफ जिन विन्दुओं के तहत केन्द्र पर कार्रवाई संभव हो सकेगी उसके मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।”
डा. अजय चौधरी, सीएमएचओ चूरू
डा. अजय चौधरी, सीएमएचओ चूरू
”यह एक प्रकार का चिकिस्कीय केन्द्र है। इसमें सीएमएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक ही कार्रवाई की जाएगी। यदि केन्द्र मानकों पर सही नहीं है और चिकित्सा विभाग बंद करना चाहता है। पुलिस प्रोटेक्शन उपलब्ध करवा दिया जाएगा। खारिया के सुशील सिंह की शिकायत मिली थी उसे केन्द्र से लेकर परिजनों को दे दिया गया है।”
राहुल बारहट, एसपी, चूरू