बााजार किस लिए हो गए बंद, क्यों बनी मानव श्रृंखलाएं
शहीदों के सम्मान व आतंकी संंगठनों व पाकिस्तान के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग को लेकर शनिवार को चित्तौडग़ढ़, बड़ीसादड़ी सहित जिले में कई स्थानों पर स्वैच्छिक बंद रखा गया है।
चित्तौडग़ढ़ शहऱ में बाजार बंद
चित्तौडग़ढ़. कश्मीर में सीआरपीएफ पर हुए आतंकी हमले में ४० जवानों की शहादत के बाद शहीदों के प्रति संवेदना का सागर उमड़ रहा है तो आतंकियों के प्रति लोगों का गुस्सा बढ़ता जा जा रहा है। शहीदों के सम्मान व आतंकी संंगठनों व पाकिस्तान के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग को लेकर शनिवार को चित्तौडग़ढ़, बड़ीसादड़ी सहित जिले में कई स्थानों पर स्वैच्छिक बंद रखा गया है। चित्तौडग़ढ़ शहऱ में सुबह से बाजार बंद का असर दिखने लगा। कई व्यापारिक संगठनों ने बंद का समर्थन किया। शहर के प्रमुख बाजारों में सुबह कई दुकानों के शटर ही नहीं खुले तो कई दुकाने खुलने के कुछ देर बाद ही बंद हो गई। बंद का हर कोई व्यक्ति समर्थन करता दिखा। फल विक्रेताओं से लेकर खोमचे लगाने वाले तक बंद के समर्थन में दिखे। कर्ई बाजारों में तो लोग दोपहर तक चाय-पानी को भी तरस गए। लोगों ने बंद रखने के साथ पहले शहर में गोलप्याऊ चौराहा व बाद में कलक्ट्रेट चौराहे पर मानव श्रृंखला बना पाकिस्तान व आतंकवादियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बंद के दौरान युवाओं के समूह शहर में घूमकर हाथों में तिरंगा लहराते हुए पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। शहीदों के बलिदान का बदला लेने की मांग भी होती रही। बंद को बजरंग दल, विश्व हिन्दू परिषद, शिव सेना सहित कई संगठनों ने सक्रिय रूप से समर्थन दिया। पुलवामा में हुए आतंकी हमले के विरोध में जिले के बड़ीसादड़ी कस्बे में भी सुबह से बाजार बंद रहे। लोग आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते रहे।