किस हड़ताल की पड़ी मार की रेस्टोरेन्टों पर लगे ताले
चित्तौड़गढ़Published: Sep 22, 2018 10:42:16 pm
छह दिन से विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर रोडवेज कर्र्मचारी है और बसों के चक्के थमे हुए है
किस हड़ताल की पड़ी मार की रेस्टोरेन्टों पर लगे ताले
चित्तौडग़ढ़. छह दिन से विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर रोडवेज कर्र्मचारी है और बसों के चक्के थमे हुए है लेकिन इसकी अप्रत्यक्ष मार उन लोगों पर पड़ रही है जिनकी रोजी-रोटी बस स्टेण्ड पर मुसाफिरों के आने से जुड़ी हुई है। बसें नहीं चलने से चित्तौड़ रोडवेज बस स्टेण्ड पर मुसाफिरों की आवक नहीं है। ऐसे में यहां चलने वाले रेस्टोरेन्ट व केंटिन, बुक स्टॉल आदि पर ताले लगे हुए है। हड़ताल के कारण बस स्टेण्ड के बाहर ऑटो स्टेण्ड पर ऑटोरिक्शा की भीड़ भी इन दिनों नहीं है। सरकार और रोडवेज कर्मचारियों के बीच समझौता वार्ता नहीं होने से छठे दिन शनिवार को भी बस स्टेण्ड परिसर में सन्नाटा छाया रहा एवं बसे वर्र्कशॉप से बाहर नहीं निकली। वहीं एक कैंटिन संचालक शंकरलाल अहीर ने बताया कि हड़ताल के चलते प्रतिदिन तीन हजार रुपए का नुकसान हो रहा है। हड़ताल के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है एवं निजी बसों व जीपों में यात्रा करने की मजबूरी हो गई है। सबसे अधिक परेशानी उन मार्गों पर जाने वाले यात्रियों को आ रही है जिन मार्गों पर निजी बसे बहुत कम संचालित है। प्रतिदिन अपडाउन करने वाले यात्री भी हड़ताल से खासे परेशान है। इसके कारण ट्रेनों पर भी यात्री भार बढ़ा है। हड़ताल जारी रहने से रोडवेज कर्मचारियों का धरना-प्रदर्शन भी जारी है। कई मुसाफिर बस स्टेण्ड पहुंच ये जानने का भी प्रयास करते रहे कि हड़ताल कब तक समाप्त होने के आसार है।
अब तक 78 लाख का नुकसान
चित्तौड़ आगार को प्रतिदिन 12 लाख रुपए का राजस्व नुकसान हो रहा है। छह दिन रोडवेज को 72 लाख का नुकसान तथा सांवलियाजी मेेले में दो दिन अतिरिक्त बसें चलाने पर छह लाख रुपए का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होता लेकिन ऐसा नहीं होने से रोडवेज को अबतक कुल 78 लाख रुपए का राजस्व नुकसान हुआ है। १ लाख २६ हजार यात्री भी प्रभावित हुए है।