चित्तौैड़ के कौनसे मुद्दें है जिन पर है विधायकों की आवाज का इंतजार
चित्तौड़गढ़Published: Jul 20, 2019 12:26:58 pm
चित्तौड़ग़ढ़ जिले के कई प्रमुख मुद्दों की विधानसभा में गूंज ही नहीं
विधायक जनता की आवाज बन सरकार को घेर जवाब मांग सकते है
चित्तौैड़ के कौनसे मुद्दें है जिन पर है विधायकों की आवाज का इंतजार
चित्तौडग़ढ़. विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है। चालू वित्त वर्ष का बजट प्रस्ताव पारित हो चुका है तो अब विभागवार अनुदान मांगों पर बहस शुरू हो गई है। विधानसभा में जिले के विधायक विभिन्न मुद्दों पर बहस के साथ सवालों के माध्यम से भी जनसमस्याओं को लेकर सरकार को घेर रहे है। विधायकों द्वारा जो मुद्दे उठाए जा रहे उनमें से अधिकतर बिजली,पानी, शिक्षा, चिकित्सा, कृषि आदि आधारभूत क्षेत्रों से जुड़े हुए है। आम लोग इस बात की कमी महसूस कर रहे है कि सरकार के सामने चित्तौडग़ढ़ जिले के कई ऐसे मामले है जिन पर जवाब मांगा जाना चाहिए। विधानसभा का पटल ही ऐसा मंच है जहां विधायक जनता की आवाज बन सरकार को घेर जवाब मांग सकते है। विधानसभा सत्र में अब भी चित्तौड़ कॉलेज में लाखों रुपए का गबन प्रकरण, निम्बाहेड़ा के हथियार तस्करी का बड़ा केन्द्र बन जाने, बजरी माफिया के अवैध खनन करने, अवैध निर्माण पर रोकने के लिए ठोस कार्रवाई नहीं होने जैसे गंंंभीर मुद्दों की गूंज नहीं हुई है। लोग उम्मीद कर रहे है कि विधायक बजट सत्र के शेष दिनों में आमजन से जुड़े इन मुद्दों को भी सरकार के सामने उठाएंगे।
क्यों डाला जा रहा कॉलेज में ८९ लाख के गबन पर पर्दा
चित्तौडग़ढ़ के महाराणा प्रताप राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में अप्रेल २०१३ से मार्च २०१८ की अवधि में पांच वर्ष में छात्र कोष व अन्य मदों की करीब ८९ लाख रुपए की राशि का गबन का मामला ठंडे बस्ते में जा रहा है। इस मामले में पहले तो कॉलेज प्रशासन पुलिस में जाने के लिए ही तैयार नहीं दिखा। दबाव बढऩे पर सदर थाने में कैशियर विक्रग सिंह सहित अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दी गई। करीब एक माह की अवधि हो गई लेकिन पुलिस भी इस मामले में अंकेक्षण रिपोर्ट का इंतजार होने का तर्क कार्रवाई करने से बच रही और सरकारी कोष का लाखों रुपए डकार जाने का मामला फाइलों में दब रहा है।
हथियार तस्करी का क्यों केन्द्र बना निम्बाहेड़ा
मध्यप्रदेश की सीमा से सटा जिले का निम्बाहेड़ा क्षेत्र हथियार तस्करी का बड़ा केन्द्र बन गया है। यहां कई बार अवैध हथियारों की बरामदगी के साथ फायरिंग की घटनाएं हो चुकी है। एटीएस की टीम भी निम्बाहेड़ा क्षेत्र से हथियार तस्करों को पकड़ चुकी है। इसके बावजूद विधानसभा में किसी विधायक ने अब तक सरकार से ये नहीं पूछा है कि निम्बाहेड़ा में अशांति का कारण बन रहे हथियार तस्करों पर लगाम लगाने के लिए क्या कदम उठाए गए है।
बजरी माफिया के सामने क्यों हो रहे लाचार
सर्वोच्च न्यायालय की रोक के बावजूद जिले में अवैध बजरी खनन के मामले प्रतिदिन सामने आ रहे है। बजरी माफिया के हौंसले इस कदर बढ़े हुए है कि हाल ही राशमी में एसडीएम की गाड़ी को टक्कर मार दी तो कई जगह लोगों पर जानलेवा हमले किए। इसके बावजूद बजरी माफिया के खिलाफ ठोस कार्रवाई कर पाने में लााचारी दिख रही है। आमजन में ये भी चर्चा है कि बजरी माफिया को राजनीतिक संरक्षण मिलता है।
अवैध निर्माणों पर क्यों नहीं लग रही रोक
चित्तौडग़ढ़ शहर हो या निम्बाहेड़ा बड़े स्थान सभी जगह अवैध निर्माण बड़ा मुद्दा बन गया है लेकिन विधानसभा में जिले के विधायकों ने अब तक इस मुद्दें को नहीं उठाया है। अवैध निर्माण नहीं रोक पाने से शहरों का सुनियोजित विकास भी कागजों में सिमट गया है। खुलकर हो रहे अवैध निर्माण को रोकने में सरकारी तंत्र लाचार है।
विधायक उठा रहे किस तरह के मुद्दें
जिले के विधायकों ने विधानसभा में जो मुद्दे अब तक उठाए है उनमें से अधिकतर वो है जो लोगों की नजर में रूटीन के मुद्दें बन गए है। चित्तौैडग़ढ़ विधायक चन्द्रभानसिंह आक्या ने चित्तौडग़ढ़ जिला चिकित्सालय में व्यवस्था खराब होने व गांवों में अग्निशमन की सुविधा नहीं होने, प्रदूषण फैलने जैसे मुद्दें उठाए है। कपासन विधायक अर्जुनलाल जीनगर भी बिजली,पानी के साथ राजमार्ग पर अवैध रूप से पेड़ो की कटाई जैसे मुद्दें उठा चुके है। बड़ीसादड़ी विधायक ललित ओस्तवाल ने डूंगला में कॉलेज खोलने, जाखम बांध का पानी वागन बांध में लाने, मंगलवाड़ में ट्रोमा सेंटर खोलने जैसे मुद्दें उठाए। बेगूं विधायक राजेन्द्रसिंह बिधुड़ी ने गंगरार में कॉलेज खोलने, बस्सी-भीलवाड़ा मार्ग को राज्यमार्ग घोषित करने, गंगरार को चंबल नदी का जल उपलब्ध कराने जैसे मुद्दें उठाए है।