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शिक्षक चुनाव में व्यस्त, कैसे हासिल करेें प्रवेशोत्सव के लक्ष्य

locationचित्तौड़गढ़Published: Apr 25, 2019 11:17:10 pm

Submitted by:

Nilesh Kumar Kathed

प्रदेश में अभी लोकसभा चुनाव को लेकर मतदान की तैयारी चली रही है, वहीं इधर शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ाने के लिए प्रवेशोत्सव के पहले चरण की तिथि घोषित कर दी है।

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शिक्षक चुनाव में व्यस्त, कैसे हासिल करेें प्रवेशोत्सव के लक्ष्य

चित्तौडग़ढ़. प्रदेश में अभी लोकसभा चुनाव को लेकर मतदान की तैयारी चली रही है, वहीं इधर शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ाने के लिए प्रवेशोत्सव के पहले चरण की तिथि घोषित कर दी है। पहला चरण २६ अप्रेल से शुरू होकर ९ मई तक चलेगा। सबसे बड़ी समस्या यह है कि राज्य में दो चरणों २९ अप्रेल व ६ मई को लोकसभा चुनाव होने है। ऐसे में अधिकांश शिक्षक चुनावी ड्यूटी में व्यस्त है। वहीं कई कक्षाओं की परीक्षा भी हाल में समाप्त हुई है जिनके परिणाम जारी करने की तिथि भी शिक्षा विभाग ने आठ मई तय कर दी है। ऐसे में प्रवेशोत्सव की गतिविधियां कैसे संचालित होगी इसका जवाब शिक्षकों के पास नहीं है तो अधिकारी भी बचने का प्रयास कर रहे है। जिन शिक्षकों की ड्यटी चुनाव में नहीं लगी है उनके सामने चुनौती ये है कि वे तय समय में परिणाम जारी करने के लिए उत्तरपुस्तिकाओं की जांच करें या प्रवेशोत्सव के लक्ष्य हासिल करने के लिए अभियान चलाए।
शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार प्रवेशोत्सव के दौरान नए बच्चों को स्कूल में प्रवेश कराने को लेकर अभिभावकों से सम्पर्क करना, शिक्षक-अभिभावक परिषद की बैठक करना, नामांकन रैली निकालना जैसे कई काम करवाए जाने हैं। प्राथमिक स्कूल के अधिकांश शिक्षकों की ड्यूटी लोकसभा चुनाव में लगी हुई है। जिले में २९ अप्रेल को मतदान होगा। ऐसे में प्रवेशोत्सव कार्य के लिए शुरू में चार-पांच दिन शिक्षक समय नहीं निकाल पाएंगे। जिले में कई विद्यालय एकल शिक्षक वाले हैं। उनके सामने भी परीक्षा परिणाम तैयार करने, वार्षिक रिपोर्ट तैयार करने जैसे काम है।
शिक्षकों की ये रहेगी जिम्मेदारी
प्रवेशोत्सव के तहत प्रथम चरण २६ अप्रेल से ९ मई तक चलेगा। इस चरण में बच्चों का प्रवेश करवाना से लेकर साधारण सभा, शिक्षक-अभिभावक परिषद की संयुक्त बैठक, प्रार्थना सभा में बच्चों का तिलकार्चन स्वागत सत्कार, विद्यालय परिसर की साज सज्जा, घर-घर सम्पर्क, स्थानीय जनप्रतिनिधियों, अभिभावकों एवं बच्चों के साथ रैली,मोहल्ला बैठक, स्थानीय प्रतिनिधि, सरपंच, वार्डपंच का सम्बोधन कराना, बालसभा, खेलकूद प्रतियोगिताएं बाल मेलों का आयोजन, प्रभात फेरी, पुस्तक प्रदर्शनी आदि का आयोजन करना है।
ये सही है कि अधिकांश शिक्षकों की चुनाव में ड्यूटी लगी हुई है। इसके चलते प्रवेशोत्सव कराने में परेशानी होगी। फिर भी प्रवेशोत्सव के सफल आयोजन कराने के लिए प्रयास करेंगे।
शाांतिलाल सुथार, जिला शिक्षा अधिकारी(माध्यमिक), चित्तौडग़ढ़
अधिकांश शिक्षकों की ड्यूटी चुनाव में लगी हुई है। स्कूलों में परीक्षा भी अभी समाप्त हुई जिनका परिणाम भी बनाना है। ऐसे में शिक्षक चुनाव कराने व परिणाम बनाने में व्यस्त रहेंगे तो प्रवेशोत्सव कैसे संभव होगा।
कालूराम खटीक, संभाग महामंत्री, शिक्षक संघ प्रगतिशील चित्तौडग़ढ़
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