पंडित अरविन्द भट्ट के अनुसार ७० वर्ष बाद ऐसा अनोखा सुयोग बना है कि चन्द्रमा अपनी पत्नी रोहणी के संग उदित होंगे। चन्द्रोदय रात ८.३५ बजे होगा। भट्ट के अनुसार करवा चौथ पूजा के लिए शुभ मुर्हुत शाम ४.३६ से ६.०३ शुभवेला, शाम ६.०३ से ७.३६ तक अमृत वेला एवं शाम ७.३६ से रात ९.१० बजे तक चल वेला का रहेगा।
चित्तौडग़ढ़. पति की लंबी उम्र और खुशहाली की कामना को लेकर सुहाग पर्व करवा चौथ गुरूवार को मनाया जाएगा। इसके लिए सुहागिनों ने तैयारियां पूरी कर ली है। नवविवाहित महिलाओं में पहले करवा चौथ पर्र्व को लेकर विशेष उत्साह दिखाई दे रहा है। पति की दीर्घायु व सौभाग्य के लिए करवा चौथ पर व्रत रखने के बाद महिलाएं शाम को चांद को अध्र्य अर्पित करने के बाद छलनी से पहले चांद और फिर पति का चेहरा देख व्रत खोलेगी। पति अपनी पत्नी को पानी पिला एवं मिठाई खिलाकर व्रत पूरा करवाते है।