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छलक गया गम्भीरी बांध, खोलने पड़े चार गेट

locationचित्तौड़गढ़Published: Aug 17, 2019 10:22:07 pm

Submitted by:

Vijay

चित्तौडग़ढ़ जिले के निम्बाहेड़ा में गम्भीरी बांध में लगातार आवक के चलते ऐतिहातन ओवरफ्लो पानी की निकासी के लिए शनिवार दोपहर साढे 12 बजे पुराने छोटे चार गेट खोल दिए गए। इससे पूर्व एसडीएम पंकज शर्मा ने बांध में हो रही पानी की आवक का जायजा लिया। सिंचाई विभाग के गम्भीरी बंाध एईएन राजकुमार शर्मा ने बताया कि चारों छोटे गेट व रपट से प्रति सैकण्ड 9 हजार घनफीट पानी की निकासी हो रही है।

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छलक गया गम्भीरी बांध, खोलने पड़े चार गेट

चित्तौडग़ढ़ जिले के निम्बाहेड़ा में गम्भीरी बांध में लगातार आवक के चलते ऐतिहातन ओवरफ्लो पानी की निकासी के लिए शनिवार दोपहर साढे 12 बजे पुराने छोटे चार गेट खोल दिए गए। इससे पूर्व एसडीएम पंकज शर्मा ने बांध में हो रही पानी की आवक का जायजा लिया। सिंचाई विभाग के गम्भीरी बंाध एईएन राजकुमार शर्मा ने बताया कि चारों छोटे गेट व रपट से प्रति सैकण्ड 9 हजार घनफीट पानी की निकासी हो रही है। उन्होंने बताया कि फिलहाल पुराने गेट के पास स्थित रपट पर एक फीट की चादर चल रही है। पानी की आवक को देखते हुए निकासी के लिये पुराने गेट के चार गेट खोले गए है। गेट नं. 5 से 8 तक चार गेट से पानी की निकासी हो रही है। एईएन शर्मा ने बताया कि गेट खोलने की प्रक्रिया के पूर्व प्रात: 11 बजे चित्तौडग़ढ़ एवं निम्बाहेड़ा एसडीएम को सूचना दी गई व बांध क्षेत्र से जुड़े किसानो को भी गेट खोले जाने की जानकारी दी गई। 12 बजे गेट खोलने के लिए सायरन बजाने के बाद साढे 12 बजे निम्बाहेड़ा एसडीएम शर्मा की उपस्थिति में गेट खोले गए। जेईएन राजेश गुर्जर भी उपस्थित थे। सदर थानाधिकारी फूलचन्द टेलर ने भी मय जाब्ते के बांध पर पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया।
आवश्यक संसाधनो की कोई व्यवस्था नही
गम्भीरी बांध पर किसी भी दुर्घटना के दौरान आवश्यक संसाधनो की कोई व्यवस्था नही है। बांध के गेस्ट हाउस परिसर में एक टूटी नाव पड़ी है। साथ ही बांध की पूरी पाल पर रात्रिकालीन समय में विद्युत प्रकाश व्यवस्था पर्याप्त नहीं है। तथापि गेस्ट हाउस के पास वाले गेट एवं आधुनिक हायड्रोलिक गेट के आगे अरनोदा मार्ग पर स्थित गेट के पास प्रकाश व्यवस्था के नाम पर बल्ब लगे है।
एईएन शर्मा ने बांध की व्यवस्थाओं के संबंध में बताया कि नहर के पास मोहरीयों के पास गड्ढा हो गया था। इसे ठीक कराया था। किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं है। उन्होंने बताया कि दोनो नहरो की मोहरियों के पास व अरनोद गाईड बंड के पास पर्याप्त मात्रा में रेत के कट्टों का इन्तेजाम है। आधुनिक हायड्रोलिक गेट प्रशिक्षित स्टाफक्रर्मी खोलने व बंद करने में दक्ष है, तथापि हिन्दुस्तान जिंक से इन्जिनियर को अनुबंध के तहत आवश्यकता होने पर बुलाया जाता है। हायड्रोलिक गेट खोलने के लिए दो डीजी सेट की व्यवस्था है। साथ ही आवश्यकता होने पर प्रकाश व्यवस्था के लिये बडी टार्च की भी उपलब्धता है।
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