राशमी में एक इंच बारिश
बांधों में पानी की आवक हो रही लेकिन जिले में शनिवार को बारिश का दौर धीमा पड़ गया। चित्तौडग़ढ़ शहर में भी दिन में अधिकतर समय बादल छाए रहे लेकिन फुहारे ही गिरी। शाम सात बजे बाद कुछ देर तेज बारिश हुई। जिला बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अनुसार शनिवार शाम ५ बजे समाप्त २४ घंटे में राशमी में २४, निम्बाहेड़ा में ८, भैसरोडग़ढ़ में ७, कपासन व भूपालसागर में ५-५, चित्तौडग़ढ़ एवं बड़ीसादड़ी में २-२ मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। घोसुण्डा बांध के भी दो गेट खुले हुए है। ओरई बांध पर भी डेढ़ फीट चादर चल रही है।
बांधों में पानी की आवक हो रही लेकिन जिले में शनिवार को बारिश का दौर धीमा पड़ गया। चित्तौडग़ढ़ शहर में भी दिन में अधिकतर समय बादल छाए रहे लेकिन फुहारे ही गिरी। शाम सात बजे बाद कुछ देर तेज बारिश हुई। जिला बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अनुसार शनिवार शाम ५ बजे समाप्त २४ घंटे में राशमी में २४, निम्बाहेड़ा में ८, भैसरोडग़ढ़ में ७, कपासन व भूपालसागर में ५-५, चित्तौडग़ढ़ एवं बड़ीसादड़ी में २-२ मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। घोसुण्डा बांध के भी दो गेट खुले हुए है। ओरई बांध पर भी डेढ़ फीट चादर चल रही है।
उत्सुकता रही कब तक पहुचेंगा गंभीरी बांध का पानी
गंभीरी बांध के चार छोटे गेट खोलते ही इसका संदेश सोशल मीडिया पर भी वायरल होने लगा। बांध से छोड़े जाने वाला पानी शहर के मध्य से गुजर रही गंभीरी नदी में पहुंचता है। इसलिए भी शहरवासियों में ये जानने की उत्सुकता रही कि छोड़ा गया पानी नदी में कब तक पहुंचेगा एवं इससे उसका जलस्तर कितने बढऩे वाला है।हालांकि बांध के चार छोटे गेट ही खोले जाने से नदी के जलस्तर में कोई बड़ा बदलाव नहीं दिखा। माना जा रहा है कि बांध के सभी गेट खोले जाते है तो नदी का जलस्तर खतरे के निशान से उपर जा सकता है।
गंभीरी बांध के चार छोटे गेट खोलते ही इसका संदेश सोशल मीडिया पर भी वायरल होने लगा। बांध से छोड़े जाने वाला पानी शहर के मध्य से गुजर रही गंभीरी नदी में पहुंचता है। इसलिए भी शहरवासियों में ये जानने की उत्सुकता रही कि छोड़ा गया पानी नदी में कब तक पहुंचेगा एवं इससे उसका जलस्तर कितने बढऩे वाला है।हालांकि बांध के चार छोटे गेट ही खोले जाने से नदी के जलस्तर में कोई बड़ा बदलाव नहीं दिखा। माना जा रहा है कि बांध के सभी गेट खोले जाते है तो नदी का जलस्तर खतरे के निशान से उपर जा सकता है।