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चित्तौड़गढ़

राजस्थान के इस शहर में गन्ने के रस की मांग बढ़ी, रोजाना लाखों रुपए का पी रहे ज्यूस

वर्तमान में रोजाना करीब तीस क्विंटल गन्ने का रस निकाला जा रहा है। ऐसे में मई व जून के लिए बाहर से गन्ना मंगवाने के आर्डर भी दिए गए हैं। ताकि, गर्मियों के दिनों में माल आने में कोई परेशानी नहीं रहे और समय पर खपत के अनुरूप गन्ना मिलता रहे।

चित्तौड़गढ़Apr 29, 2024 / 02:56 pm

जमील खान

चित्तौडग़ढ़। गर्मी के तल्ख तेवर के साथ ही तपन भी यकायक तेजी से बढऩे लगी है। बढ़ती गर्मी के चलते जिले भर में गन्ने के रस की मांग भी बढ़ गई है। गर्मी में हलकान हो रहे कंठ को तर करने के लिए लोग गन्ने के रस का सहारा ले रहे हैं। चित्तौडगढ़ शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र में लोग रोजाना करीब एक लाख रुपए से अधिक के गन्ने का रस पी रहे हैं। कई जगह गन्ने के रस की दुकानें और ठेलों पर चरखियां लग गई हैं। दोपहर बाद तो इन दुकानों और ठेलों पर भीड़ लग जाती हैं। शहर में करीब दो दर्जन से अधिक गन्ने का रस निकालने की मशीनें चल रही हैं।
इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में भी बड़ी संख्या में गन्ने के रस की दुकानें और ठेले संचालित हो रहे हैं। क्षेत्र में गर्मी की दस्तक के साथ ही गन्ने के रस की मांग बढ़ गई है। गन्ने के रस की दुकानों पर दिन भर लोगों की आवाजाही देखने को मिल रही है। दुकानों पर लोग गर्मी से राहत पाने के लिए गन्ने के रस का सहारा ले रहे हैं। आने वाले दिनों में तापमान में बढ़ोतरी होने के साथ ही गन्ने के रस की मांग भी और बढ़ जाएगी।
वर्तमान में रोजाना करीब तीस क्विंटल गन्ने का रस निकाला जा रहा है। ऐसे में मई व जून के लिए बाहर से गन्ना मंगवाने के आर्डर भी दिए गए हैं। ताकि, गर्मियों के दिनों में माल आने में कोई परेशानी नहीं रहे और समय पर खपत के अनुरूप गन्ना मिलता रहे। बाजार में गन्ने के रस का एक गिलास 20 से 25 रुपए में मिल रहा है। जबकि अन्य फलों के रस का एक गिलास 30 से 35 रुपए में मिल रहा है। जिसके चलते ग्रामीण इलाकों के लोगों की गन्ने का रस ही पहली पसंद बना हुआ है। एक किलो गन्ने में आधा लीटर गन्ने का रस निकलता है।
अंडरब्रिज व आरओबी के नीेचे खूब खपत
शहर व हाइवे की बात करें तो शहर में बने आरओबी के नीचे काफी जगह होने व पर्याप्त छाया रहने से यहां कई छोटी मोटी दुकानों, थडिय़ों के साथ गन्ने की चरखियां भी आराम से चल रही हैं। इसके अलावा हाइवे पर जहां अंडरब्रिज व ओवरब्रिज हैं, उनके नीचे भी पर्याप्त छाया होने व वाहनों का स्टैण्ड होने या न होने पर गर्मी में बाइक, कारों व अन्य वाहनों से यात्रा करने वाले लोग कुछ पलों के लिए छांव में विश्राम के साथ गन्ने के रस से हलक तर कर लेते हैं। इससे आगे का सफर आराम से कर सकते हैं। इससे हाइवे पर जगह जगह अंडरब्रिज पर गन्ने की चरखियों की मौजूदगी नजर आती है। माताजी की पांडोली के पास भीलवाड़ा-कपासन हाइवे के अंडरब्रिज के नीचे कोई एक दर्जन अधिक दुकानें चल रही हैं। इसमें चाय, नाश्ता से ज्यादा गन्ने के रस की थडिय़ां व ठेले हैं।

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