READ:इतने सारे नोट देख चौंधियां जाएगी आपकी आंखें, गिनने के लिए लगे कई कर्मचारी इसके अलावा फरियादिया मोहनदेवी ने दोनों पर चेन छीनने का आक्षेप क्यों लगाया, उसका खंडन भी नहीं कर पाए। इस तरह से अभियुक्तों ने एक महिला को डरा-धमकाकर चेन लूटने की घटना कारित की। इस तरह के गंभीर अपराध में परिवीक्षा का लाभ दिया जाना न्यायोचित नहीं है। इस प्रकरण के तथ्यों व परिस्थितियों को देखते हुए अभियुक्तों को दी जाने वाली सजा में नरमी का रूख अपनाया जाना भी न्यायोचित नहीं है।
READ: आठ लाख के पुराने नोट पकड़े, दो गिरफ्तार अपर लोक अभियोजक पूरणमल धाकड़ ने बताया कि चित्तौडग़ढ़ शहर की कबीर कॉलोनी निवासी मोहनीदेवी सोनी के गले से 14 दिसंबर 2015 को बाइक सवार दो बदमाशों ने डेढ़ तोला सोने की चेन छीन ली थी। इस मामले में कोतवाली पुलिस ने महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के श्रीरामपुर निवासी शादिक पुत्र शमल खान व पूना जिले के शिवाजीनगर निवासी अली मोहम्मद पुत्र फिरोज अली को गिरफ्तार कर उनकी निशानदेही से लूटी गई सोने की चेन बरामद की थी। न्यायिक अभिरक्षा के दौरान शिनाख्त परेड में मोहनीदेवी ने दोनों की पहचान भी कर ली थी। इस मामले में दोनों के खिलाफ चित्तौडग़ढ़ सीजेएम कोर्ट में चालान पेश किया गया।
सीजेएम प्रेमराजसिंह चुंडावत की ओर से 16 सितंबर 2016 को दिए गए फैसले में इन दोनों अभियुक्तों को दोषी मानते हुए दो-दो साल के कठोर कारावास तथा एक-एक हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई। इन्हीं आरोपितों ने शहर के सेंती क्षेत्र में 12 दिसंबर 2015 को ही कमलादेवी पत्नी अर्जुनलाल आमेटा से भी सोने की चेन छीन ली थी। इस मामले में भी सीजेएम कोर्ट से दोनों को सजा सुनाई गई। इधर, दोनों अभियुक्तों ने सीजेएम कोर्ट की ओर सेे सुनाए गए फैसले के खिलाफ एडीजे कोर्ट क्रमांक दो में अपील की। इस अपील पर सुनवाई करते हुए एडीजे गोपाल बिजोरीवाल ने अपील को खारिज कर दिया तथा सीजेएम कोर्ट के फैसले को यथावत रखने का आदेश दिया।