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बारह मासी मंडी में हो रही जिन्सों की बम्पर आवक

locationचित्तौड़गढ़Published: Jul 22, 2019 10:15:18 pm

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Vijay Vijay

चित्तौडग़ढ़. जिले की निम्बाहेड़ा कृषि उपज मंड़ी की वार्षिक आय में साल के बारह महीने जिंसो की आवक होने से उदयपुर संभाग में ए-श्रेणी की निम्बाहेड़ा मंडी बारह मासी मंडी के नाम से भी विख्यात हो गई है। इस मानसून सीजन में भी इन दिनो प्रतिदिन मंडी में 3 से 5 हजार बोरी गेहूं 700 से हजार बोरी सोयाबीन सहित विभिन्न जिंसो की आवक जारी है।

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बारह मासी मंडी में हो रही जिन्सों की बम्पर आवक

इस सीजन में जिंसों की भारी आवक जारी
चित्तौडग़ढ़. जिले की निम्बाहेड़ा कृषि उपज मंड़ी की वार्षिक आय में साल के बारह महीने जिंसो की आवक होने से उदयपुर संभाग में ए-श्रेणी की निम्बाहेड़ा मंडी बारह मासी मंडी के नाम से भी विख्यात हो गई है। इस मानसून सीजन में भी इन दिनो प्रतिदिन मंडी में 3 से 5 हजार बोरी गेहूं 700 से हजार बोरी सोयाबीन सहित विभिन्न जिंसो की आवक जारी है। बारिश के पूर्व 8 महीनो में खरीफ एवं रबी फसलो के उत्पादन के पश्चात जिंसो की आवक में भारी इजाफा होता है। मंडी में 10 से 15 हजार बोरी गेहूं 7 से 10 हजार बोरी मक्का के साथ ही सोयाबीन, दलहन, तिलहन, लहसुन, इसबगोल, तारामीरा सहित विभिन्न जिंसो की प्रतिदिन आवक हो रही है।
मंडी सचिव कुंदल देवल ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2016-17 में मंडी को 450.48 लाख रुपए की आय हुई। वही वर्ष 2017 – 18 में 488.71 लाख एवं 2018-19 में 513.04 लाख रुपए की रिकार्ड आय हुई। उन्होंने बताया कि आसन्न वित्तीय वर्ष 2019 – 20 के प्रारम्भिक 3 माह अप्रेल से जून तक मंडी को 213.76 लाख रुपए की आय अर्जित हो गई है जो वित्तीय वर्ष 18-19 के मुकाबले 50.09 लाख रुपए अधिक है। उन्होंने बताया कि 18-19 में अप्रेल से जून तक 3 माह में 163.67 लाख रुपए की आय हुई थी। मंडी सचिव ने उम्मीद जताई कि असन्न वित्तीय वर्ष में गत 18 – 19 के वित्तीय वर्ष के मुकाबले आय में उल्लेखनीय बढोतरी होगी। इस वित्तीय वर्ष में हुई आय में से कृषि विपणन बोर्ड जयपुर को मंडी कर्मचारियों की पेंशन के लिए 1.61 करोड़ रुपए व राजीव गांधी कृषक योजना के लिए 74 लाख रुपए का अंशदान भेजा गया है।
किसानों को सड़कों पर खाली करनी पड़ रही जिंस
मंडी में जिंसो को खाली करने के लिए नए शेड निर्माण की कई वर्षो से आवश्यकता जताई जा रही है। इस वर्ष गेहूं यार्ड के पास 1.65 करोड़ की लागत से शेड निर्माण के लिए कृषि विपणन निदेशालय जयपुर को प्रस्ताव भेजा है। साथ ही इसी क्षेत्र में पानी की टंकी के पास व गेहूं यार्ड के चारों ओर सीसी प्लेटफार्म निर्माण के लिए 71.99 लाख रुपए के प्रस्ताव भेजे गए है। मंडी सचिव देवल ने बताया कि वर्तमान में आढत खरीद क्षेत्र में दो शेड व सीधी खरीद क्षेत्र में लहसुन, मूंगफली, सरसों, सोयाबीन, गेहूं आदि जिंसों की खरीद के लिए 8 शेड उपलब्ध है। दोनों खरीद क्षेत्रों में दस प्लेटफार्म होने के बावजूद मंडी में प्रतिदिन जिंसो की भारी आवक के चलते किसानो को सड़कों पर भी जिंसो के ढेर लगाना पड़ते हैं। सुरक्षा एवं मंडी की गतिविधियों की निगरानी के लिए वर्तमान में 16 सीसी टीवी कैमरे लगे हैं, जिनके माध्यम से मंडी सचिव अपने कार्यालय में एलसीडी के जरिये मंडी गतिविधियों पर निगरानी रखते है। वर्तमान में मंडी कार्यालय से लेकर मंडी परिसर, आढत व सीधी खरीद क्षेत्र में 16 कैमरे लगे है। तथापि सम्पूर्ण मंडी परिसर व सभी प्लेटफार्म को जद में लेने के लिए 8 से 10 कैमरे लगाने की जरूरत है।
22 पद रिक्त, मंडी सचिव सहित 8 कार्मिकों के भरोसे मंडी संचालन
मंडी में स्वीकृत पदों के मुकाबले 22 पदों के रिक्त होने के बावजूद मंडी में कार्यरत सचिव व कनिष्ट लेखाकार को छोड़कर 6 कर्मचारी मंडी की दैनिक व्यवस्थाओं को अंजाम दे रहे है। मंडी में सचिव सहित कुल 30 पद सृजित है, जिसमें से पर्यवेक्षक, बागवान, पम्प ड्राईवर, इलेक्ट्रीशीयन का एक-एक पद स्वीकृत है जो रिक्त है, इसी प्रकार वरिष्ठ लिपिक के दो में से एक पद व कनिष्ठ लिपिक 12 में से 10 पद एवं चौकीदार 6 में से 3 पद रिक्त है। वर्तमान में कार्यरत एक मात्र वरिष्ठ लिपिक भी चार माह बाद सेवानिवृत हो जाएगा। मंडी में जिंस लेकर आने वाले किसानो व मंडी में कार्यरत, पंजीकृत, हम्मालो के लिए किसान कलेवा योजना के तहत 5 रुपए में भोजन उपलब्ध कराया जाता है। निम्बाहेड़ा उपखण्ड सहित जिले के विभिन्न उपखण्ड बेगु, गंगरार, राशमी, कपासन, चित्तौडग़ढ, बड़ीसादडी, भदेसर, क्षेत्रो के गांवो, कस्बो के साथ साथ प्रतापगढ़ जिले के छोटीसादड़ी उपखण्ड क्षेत्र एवं पडोसी राज्य मध्यप्रदेश के सीमावर्ती गांव के किसानों सहित उदयपुर जिले के फतहनगर, मेनार आदि स्थानों के बड़ी संख्या में किसान अपनी जिंसे बेचने के लिए निम्बाहेड़ा मंडी आते है।

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