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राजा भैया ने किया नई पार्टी का ऐलान, आयोग को भेजे गये ये तीन नाम

locationचित्रकूटPublished: Nov 17, 2018 08:05:16 am

लोकसभा चुनाव 2019 से पहले रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने नई पार्टी के ऐलान कर दिया है।

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राजा भैया ने किया नई पार्टी का ऐलान, आयोग को भेजे गये ये तीन नाम

लखनऊ. लोकसभा चुनाव 2019 से पहले रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने नई पार्टी के ऐलान कर दिया है। जनसत्ता नाम की पार्टी बनाने के ऐलान के बाद वे लोकसभा चुनाव में अन्य पार्टियों को जोरदार टक्कर देने वाले हैं। इस सियासी दलों ने हलचल तेज हो गई है। नई पार्टी के ऐलान के बाद राजधानी लखनऊ में राजा भैया ने पहली बार प्रेस कांफ्रेंस की। नई पार्टी बनाने के मामले में राजा भैया ने कहा कि 80 फीसदी लोग चाहते हैं कि नई पार्टी बने। उन्होंने एससी-एसटी एक्ट सहित कई मुद्दों पर बात की। नई पार्टी के बनाने के बारे में उन्होंने कहा कि पार्टी अभी तैयार नहीं है, काम चल रहा है। बहुत सी पार्टियां बन रही हैं आगे भी बनती रहेंगी।

आयोग को भेजे तीन नाम

राजा भैया ने शुक्रवार को लखनऊ में अपनी नई पार्टी की औपचारिक घोषणा कर दी। इस दौरान उन्होंने एससी/एसटी कानून और पदोन्नति में आरक्षण के विरोध को पार्टी का मुख्य मुद्दा बताया. कहा कि उनकी पार्टी का नाम जनसत्ता पार्टी (Jansatta Party) हो सकता है। हालांकि पार्टी के पंजीकरण के लिए चुनाव आयोग को तीन नाम भेजे गए हैं, जिसमें जनसत्ता पार्टी, जनसत्ता लोकतांत्रिक पार्टी और जनसत्ता दल जैसे नाम हैं। पार्टी के चुनाव चिह्न के लिए भी आयोग को पत्र लिखा गया है। आयोग ने अभी तक दोनों में से किसी पर मंजूरी नहीं दी है। अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान शुक्रवार को राजा भैया ने कहा कि वह लगातार छठी बार निर्दलीय विधायक चुने गए हैं। क्षेत्र की जनता की मांग पर वह अब अपनी पार्टी बना रहे हैं। पार्टी जल्द ही रैली आयोजित करेगी। उन्होंने कहा कि चूंकि पार्टी के नाम और चिह्न पर फैसला नहीं हुआ है, ऐसे में लोकसभा चुनाव, 2019 लड़ने पर अभी कुछ तय नहीं हुआ है।

सर्वणों के साथ हो रहा अन्याय

राजा भैया ने अपने बयान में सर्वणों के साथ हो रहे अन्याय का मु्द्दा उठाया। उन्होंने कहा कि संविधान हम सबको समान हक देता है। कानून सबके लिये बराबर है। सबको जीने का अधिकार है। एससी-एसटी एक्ट का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा का एससी-एसटी एक्ट सवर्णों पर तलवार की तरह लटक रहा है। इस पर विधानसभा और संसद में बात नहीं हो रही है। इस एक्ट को और जटिल किया गया है। इससे हर आदमी चिंतित है।

योग्याता के आधार पर हो चयन

आरक्षण के मामले में राजा भैया ने कहा कि आज नौकरी मिलने में छात्रों के साथ बहुत भेदभाव हो रहा है। चयन उनकी जाति से नहीं बल्कि योग्यता के आधार पर होना चाहिए। योग्यात प्रमोशन का आधार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि प्रमोशन गुणवत्ता और वरिष्ठता के आधार पर होना चाहिए, न कि जाति के आधार पर। पूर्व मंत्री ने आरक्षण का भी विरोध किया। उन्होंने कहा कि आरक्षण योग्यता के आधार पर हो। जिन आईएएस और आईपीएस अधिकारीयों के बच्चे विदेशों में पढ़ रहे हैं उन्हें आरक्षण का लाभ क्यों दिया जाए? उन्होंने कहा कि सारे राजनीतिक दल एक ही भाषा बोल रहे हैं।

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