बड़े-बड़े वादों दावों के बीच यात्री हलकान यात्रियों की सुविधाओं को लेकर अक्सर सीना तानने वाले रेल प्रशासन की उदासीनता साफ़ तौर पर नजर आती है रेलवे स्टेशनों पर। दूर की बात छोड़िए ए ग्रेड के रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को पीने के लिए ठंडा व शुद्ध पेयजल तक उपलब्ध होने में कठिनाई हो रही है। रेलवे स्टेशन के तीन प्लेटफार्म पर चार वाटर कूलर लगाए गए हैं जिनमें प्लेटफार्म नम्बर 2 के दो वाटर कूलर पिछले दो दिनों से पानी की सप्लाई नहीं दे रहे थे। पत्रिका ने जब इस बारे में स्टेशन मास्टर आरएम पाण्डेय व जेई विद्युत् आरपी अवस्थी से पूछा तो उन्होंने संज्ञान लेते हुए बताया कि प्लेटफार्म नम्बर 2 के दोनों वाटर कूलर चालू कर दिए गए हैं जबकि प्लेटफार्म नम्बर एक के दोनों वाटर कूलर पानी की सप्लाई न होने से बन्द हैं जिसपर काम चल रहा है जल्द ही दोनों चालू हो जाएंगे। उधर जिन यात्रियों को वाटर कूलर की जानकारी होती है और ट्रेन थोडा समय दे देती है उन्हें तो ठंडा पानी नसीब हो जाता है लेकिन अधिकांश यात्री गर्म पेयजल ही पीने को मजबूर होते हैं। उधर वाटर एटीएम के बन्द होने के बारे में जिम्मेदारों का कहना था कि विद्युत् बिल जमा न होने के कारण वाटर एटीएम बन्द हैं।
तीन दर्जन ट्रेनों का आवागमन चित्रकूट रेलवे स्टेशन से प्रतिदिन लगभग तीन दर्जन ट्रेनों का आवागमन होता है जिसमें कुछ ट्रेनों का स्टापेज निर्धारित है और जिन ट्रेनों को कभी कभार सिग्नल नहीं मिलता वे भी कुछ देर के लिए खड़ी हो जाती हैं सो इस तपते मौसम में यात्रीयों की आंखे सिर्फ ठंडा पानी ही तलाशती हैं लेकिन ये बड़ी मुश्किल से मयस्सर होता है वो भी तब जब वाटर कूलर आदि का मिजाज सही हो तो।
मुख्यालय पर ये हाल दूर दराज के हालात और भी खराब जब मुख्यालय के रेलवे स्टेशन का ये हाल है तो मानिकपुर मारकुंडी टिकरिया बहिलपुरवा जैसे छोटे व घने जंगलों पहाड़ों के बीच पड़ने वाले स्टेशनों के हालात समझे जा सकते हैं। इन स्टेशनों पर भी पेयजल समस्या लगातार बनी हुई है।