scriptयहां हुआ बंदरों के दो गुटों में खूनी संघर्ष आधा दर्जन की मौत कई घायल भयभीत हुए तीर्थ यात्री | Bloody conflicts in two groups of monkeys Half a dozen deaths | Patrika News

यहां हुआ बंदरों के दो गुटों में खूनी संघर्ष आधा दर्जन की मौत कई घायल भयभीत हुए तीर्थ यात्री

locationचित्रकूटPublished: Sep 18, 2018 07:01:23 pm

श्रद्धालुओं ने आस पास की दुकानों व् मंदिरों में छिपकर खुद को सुरक्षित किया

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यहां हुआ बंदरों के दो गुटों में खूनी संघर्ष आधा दर्जन की मौत कई घायल भयभीत हुए तीर्थ यात्री

चित्रकूट: अभी तक आपने क्रिमिनल्स के बीच गैंगवार खूनी संघर्ष की खबरें देखी सुनी होंगी कि कैसे किसी इलाके में अपने वर्चस्व के लिए आपराधिक गैंग एक दूसरे के खून के प्यासे हो जाते हैं. इन सबके इतर यदि यह सुनने व् देखने में आए कि जानवरों के दो गुटों के बीच इलाके में कब्जे को लेकर खूनी लड़ाई छिड़ गई तो शायद ही आपको यकीन हो लेकिन ऐसा हुआ चित्रकूट में जहां बंदरों के दो गुटों के बीच खूनी संघर्ष हुआ और वो भी इस भीषण तरीके से कि इस खूनी लड़ाई में आधा दर्जन बंदरों की मौत हो गई. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक जिस समय बंदरों के गुटों के बीच यह संघर्ष हो रहा था पूरा इलाका उनके क्रोध से कांप उठा और जो जहां था वहीँ ठहर गया.
दो गुटों में हुआ खूनी संघर्ष

चित्रकूट के कामदगिरि पर्वत परिक्रमा मार्ग पर बंदरों के दो गुटों में ज़बरदस्त भिड़ंत हो गई. एक दूसरे के खून के प्यासे बंदर गुस्से में लाल होकर घातक बन गए थे. उस दौरान परिक्रमा लगाने वाले श्रद्धालु डर के मारे कांपने लगे कि कहीं क्रोधित बंदर उन्हें भी न निशाना बना लें. श्रद्धालुओं ने आस पास की दुकानों व् मंदिरों में छिपकर खुद को सुरक्षित किया. लगभग एक घण्टे तक दोनों गुटों के बीच भीषण लड़ाई चलती रही. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक परिक्रमा मार्ग के नरसिंह मंदिर के पास बड़ी संख्या में बंदरों का एक झुंड धमाचौकड़ी मचा रहा था. उसी दौरान दूसरी तरफ से लंगूरों(काले मुंह वाले बड़े बंदर) का एक झुण्ड आ गया. इलाके में पहले से मौजूद बंदरों के खेमे को शायद यह नागवार गुजरा और वे दूसरे लंगूरों के झुण्ड को देखकर आक्रामक मुद्रा में आ गए. लंगूर भी अपने सामने वालों की आक्रामकता देख भड़क उठे.
आधा दर्जन की मौत कई घायल

देखते ही देखते दोनों गुट एक दूसरे पर टूट पड़े और एक दूसरे के खून के प्यासे होकर जानलेवा हमला करने लगे. तीर्थ यात्रियों के मुताबिक किसी किसी बंदर पर तो दूसरे गुट के कई बंदरों का समूह टूट पड़ता था. लगभग एक घण्टे तक चले खूनी संघर्ष के थमने के बाद दोनों गुटों के आधा दर्जन बंदरों की मौत हो गई जबकि इतने ही घायल हो गए. संघर्ष थमने के बाद किसी तरह तीर्थ यात्रियों ने परिक्रमा पूरी की.
पहाड़ व् जंगल की तरफ ले गए साथी का शव

इस बीच बंदरों के बीच अपने मृत साथियों के प्रति संवेदना भी देखने को मिली. लड़ाई थमने के बाद मृत साथी बंदरों के शव को उनके झुंड के अन्य बंदर पहाड़ व् जंगल की तरफ ले गए और दोनों गुट अपने अपने इलाकों में लौट चले. मौके पर फंसे तीर्थ यात्री जितेंद्र ने बताया कि बंदरों के बीच लड़ाई से परिक्रमा लगा रहे लोग भयभीत हो गए थे.
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