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इनके थे ज्वाइंट खाते,फिर क्या था…

locationछिंदवाड़ाPublished: Jul 26, 2018 11:50:19 am

Submitted by:

manohar soni

छिंदी के ग्रामीण बैंक में नए खाते खुलवाने पहुंचे क्षेत्रीय पंचायतों के सचिवों ने किया खुलासा

Story of 27 tribal villages

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छिंदवाड़ा/छिंदी.पातालकोट की भारिया महिलाओं को एक हजार रुपए प्रति माह की राशि मनरेगा के ज्वाइंट खाते होने से बाउंस हो रही थी। यह खुलासा बुधवार को ग्राम छिंदी के ग्रामीण बैंक शाखा में पहुंचे क्षेत्रीय पंचायत सचिवों ने किया। उनके मुताबिक इस योजना के लागू होने पर उन्होंने जल्दबाजी में मनरेगा में पति-पत्नी के एक साथ खोले गए बैंक खातों के नम्बर दे दिए थे। इससे राशि ऑनलाइन पहुंचने पर बाउंस होती रही। इस पर न लाभान्वित महिलाओं ने ध्यान दिया और ना ही क्रियान्वयन एजेंसी जनजातीय विभाग के अधिकारियों ने कभी रुचि ली। इसके चलते गरीब इस राशि से वंचित हो गए। अब दोबारा महिलाओं के एकल बैंक खाते खोले जा रहे हैं। इससे यह राशि अब नियमित पहुंच सकेगी। एक दिन पहले मंगलवार को भारिया विकास प्राधिकरण की अध्यक्ष उर्मिला भारती ने सीएम हाउस पहुंचकर इसकी शिकायत की थी। उसके बाद जनजातीय विभाग की सहायक आयुक्त शिल्पा जैन ने छिंदी पहुंचकर ग्राम पंचायत सचिवों और छात्रावास अधीक्षकों की बैठक ली थी और उन्हें बैंक खातों की जांच में लगाया था। इस जांच के दौरान पंचायत सचिवों ने पाया कि मनरेगा के ज्वाइंट खाते में कुपोषण दूर करने के लिए दी जा रही एक हजार रुपए की राशि नहीं पहुंच रही थी। फिलहाल सचिव बैंक शाखा में एकल खाते खुलवाने में जुटे हैं।
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हर्राकछार में नए सिरे से खुलवाए खाते
पातालकोट की हर्राकछार पंचायत के अधीन जड़मादल,डोलनी मालनी,सूखा भंडारमऊ,सहरा पचगोल,खमरपुर,बाथरा और घिरनी गांव है। इनमें २१२ परिवारों की महिलाओं को एक हजार रुपए प्रतिमाह दिए जाने की कवायद चल रही है। मनरेगा के संयुक्त खातों में राशि बाउंस होने पर इनके दोबारा बैंक खाते ग्रामीण बैंक में खुलवाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। ग्राम पंचायत सचिव राजलाल पंद्राम ने बताया कि अभी तक १८४ महिलाओं के नए सिरे से बैंक खाते खुलवाए गए। अभी २८ महिलाओं के खाते खुलवाना शेष रह गए हैं।
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ज्वाइंट खाते से उत्पन्न हुई समस्या
ग्राम कारेआम रातेड़ में चिमटीपुर,कठौतिया,विजयढाना,हर्रापानी,गैलडुब्बा और डोंगरी जैसे गांव है जिनकी आबादी २१८५ है। इनके २०९ परिवारों की महिलाओं को कुपोषण दूर करने के लिए राशि दी जाना प्रस्तावित की गई है। इन महिलाओं के भी मनरेगा ज्वाइंट खाते से समस्या उत्पन्न हुई। पंचायत के सहायक सचिव मेहतू सिंह पंद्राम ने बताया कि ज्वाइंट खाते होने से कुपोषण की राशि बाउंस हुई। फिलहाल एकल खाते खुलवाए जा रहे हैं। अभी ३२ बैंक खाते खुलना शेष रह गए हैं।

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