ट्राली से ब्रिज नंबर-83 का भी हुआ निरीक्षण
बिलासपुर एवं नागपुर से आए रेलवे अधिकारियों ने छिंदवाड़ा से भंडारकुंड तक स्पीड ट्रायल करने के बाद भिमालगोंदी तक बने रेलमार्ग का भी ट्राली से निरीक्षण किया। ब्रिज नंबर-83 पर अधिकारी काफी समय रुके। वहीं दूसरी तरफ छिंदवाड़ा रेलवे स्टेशन के स्थानीय अधिकारी दोपहर 1.47 बजे ट्र्रेन के साथ भंडारकुंड से वापस छिंदवाड़ा लौटे। इस दौरान भी ट्रेन को अधिकतम 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाया गया।
बिलासपुर एवं नागपुर से आए रेलवे अधिकारियों ने छिंदवाड़ा से भंडारकुंड तक स्पीड ट्रायल करने के बाद भिमालगोंदी तक बने रेलमार्ग का भी ट्राली से निरीक्षण किया। ब्रिज नंबर-83 पर अधिकारी काफी समय रुके। वहीं दूसरी तरफ छिंदवाड़ा रेलवे स्टेशन के स्थानीय अधिकारी दोपहर 1.47 बजे ट्र्रेन के साथ भंडारकुंड से वापस छिंदवाड़ा लौटे। इस दौरान भी ट्रेन को अधिकतम 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाया गया।
इलेक्ट्रिक इंजन में आई तकनीकी खामी
रेलवे अधिकारियों को छिंदवाड़ा से भंडारकुंड तक इलेक्ट्रिक इंजन से स्पीड ट्रायल करना था, हालांकि अचानक इलेक्ट्रिक इंजन में तकनीकी खामी आने पर अधिकारियों को डीजल इंजन से स्पीड ट्रायल करना पड़ा।
अब आगे क्या
इतवारी से केलोद एवं भिमालगोंदी तक सीआरएस ने 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक ट्रेन के परिचालन की अनुमति दे रखी है। वहीं अब तक छिंदवाड़ा से भंडारकुंड रेलमार्ग पर 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक ट्रेन चलाने की अनुमति थी। अब स्पीड ट्रायल के बाद चीफ ट्रैक इंजीनियर बिलासपुर में उच्च अधिकारियों से चर्चा करेंगे। इसकी रिपोर्ट भी सीआरएस के पास भेजी जाएगी। जिसके बाद रेलवे यह निर्णय लेगा कि छिंदवाड़ा से भंडारकुंड तक ट्रेन अधिकतम कितने स्पीड तक चलाई जा सकती है।