आरपीएफ को दिखाएगा रास्ता
पुलिस अक्सर आपराधिक मामलों को सुलझाने में स्नैफर डॉग की मदद लेती है। स्नैफर डॉग घटनास्थल पर सबूतों के आधार पर अपराधियों को पकडऩे में पुलिस को रास्ता दिखाते हैं। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने भी खुद को हाइटेक करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए स्नैफर डॉग की सुविधा के लिए प्रक्रिया शुरु की है। स्नैफर डॉग की मौजूदगी से आरपीएफ को न सिर्फ यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने में बल्कि यह नशीले पदार्थों के परिवहन को रोकने में भी काफी मददगार साबित होगी।
आरपीएफ थाना छिंदवाड़ा में स्नैफर डॉग के रहने के लिए डॉग कैनल(घर) बनाया जा रहा है। बताया जाता है कि थाना में पहले से ही यह व्यवस्था है बस उस जगह को थोड़ा विस्तार करने की जरूरत है। दरअसल इन एक्सपर्ट डॉग को न सिर्फ अच्छी डाइट बल्कि इनके रहने की जगह को भी सर्वसुविधायुक्त बनाया जाता है।
एनडीपीएस एक्ट के तहत आरपीएफ को नई जिम्मेदारी दी गई है। आरपीएफ थाना प्रभारी एमके सिंह ने बताया कि एक्ट के तहत आरपीएफ को नशीले पदार्थों को जब्त करने, अपराधी को गिरफ्तार करने एवं मामले की पूरी जांच करने का अधिकार होगा।
स्टेशन या फिर किसी भी जगह बम की सूचना की जांच पुलिस स्नैफर डॉग की मदद से झट से कर लेती है। विशेषज्ञों की मानें तो स्नैफर डॉग सुरक्षा और भरोसा देते हैं। इसके सुंघने और कार्य करने की क्षमता इतनी तेज होती है कि यह पल भर में किसी भी गलत गतिविधि को पहचान लेते हैं। भीड़-भाड़ वाला क्षेत्रों में और त्योहारों के दौरान स्नैफर डॉग काफी मददगार साबित होता है। वीआईपी की सुरक्षा में भी यह भूमिका निभाता है। जहां वीआईपी को जाना होता है वहां जांच कर अपनी तरफ से क्लीनचिट देता है। इसके बाद ही वीआईपी को ले जाया जाता है। पुलिस के माथे पर बनी चिंता की लकीरे भी इन्हीं डॉग की मदद से मिटती हैं।
स्नैफर डॉग की सुविधा छिंदवाड़ा आरपीएफ को आगामी छह माह में मिल जाएगी। इसके लिए प्रक्रिया भी शुरु हो चुकी है। एक हैंडलर और एक हेल्पर कांस्टेबल की तैनाती भी हो चुकी है। जल्द ही हैदराबाद से लेब्रा डॉग का बच्चा खरीदकर दिल्ली स्थित आरपीएफ बटालियन में ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके बाद स्नैफर डॉग बग निरोधी दस्ता एवं नशीले पदार्थों के परिवहन के रोकथाम में मददगार बनेगा
एमके सिंह, थाना प्रभारी, आरपीएफ