प्रदूषण से होती हैं ये बीमारियां चिकित्सक मानते हैं कि बीमारियों के मूल में प्रदूषण बड़ी वजह है। एलर्जी के कारण जुकाम, खासी, अस्थमा, फेफड़ों का कैंसर जैसी बीमारियों के लिए पीएम-10 जिम्मेदार होते हैं। सिरदर्द और थकावट महसूस होना, कार्य क्षमता में कमी महसूस होना, बालों का झडऩा प्रदूषित वायु वाले वातावरण का ही असर होता है।
क्या है पीएम-10 पीएम-10 रेस्पायरेबल सस्पेंडेट पर्टिकुलेट मैटर है। यानी हवा में तैरते हुए धूल और धुएं के ऐसे कण जिनका आकार 10 माइक्रोमीटर और इससे कम आकार का होता है। हमारा श्वसन तंत्र 10 माइक्रोमीटर से अधिक आकार के धूल व कार्बन कणों को काफी हद तक फिल्टर कर लेता है पर 10 माइक्रोमीटर या इससे कम के धूल कण सीधे फेफड़ों तक पहुंच जाते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, मप्र में एक्यूआइ इंडेक्स बिगडऩे का सबसे बड़ा कारण पीएम-10 (रेस्पॉयरेबल सस्पेंडेट पर्टिकुलेट मैटर) है। हवा में पीएम-10 की बढ़ी हुई मात्रा के लिए खटारा वाहनों से निकलने वाला कार्बन कण युक्त धुआं और खराब सडक़ों के कारण बारीक कणों वाली धूल जिम्मेदार है।