प्रशासनिक रजिस्टर से होगा मिलान
निर्वाचन आयोग की व्यवस्था यह है कि उम्मीदवार चुनाव प्रचार में सभाएं, रैली, जनसंपर्क समेत अन्य मद में हो रही खर्च की राशि का ब्योरा प्रस्तुत करते हैं तो प्रशासन के कर्मचारियों की टीम अलग हिसाब-किताब रखती है। चुनाव के अंत में जब हर उम्मीदवार का हिसाब-किताब फाइनल होगा, तब प्रशासनिक टीम का रजिस्टर से मिलान होगा। केन्द्रीय व्यय प्रेक्षक निरीक्षण कर अपनी मुहर लगाएंगे।
दूसरे दलों और निर्दलीयों ने खर्च की राशि
इस लोकसभा चुनाव में भाजपा, कांग्रेस के अलावा बसपा, गोंडवाना, अहिंसा समाज पार्टी और निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में थे। उन्होंने भी जनसभा व जुलूस, हैंडबिल, पोस्टर, वीडियो, ऑडियो, लाउड स्पीकर, वाहन, द्वार, तोरन, कट आउट, बैनर पर राशि खर्च की। ये राशि 17 हजार रुपए से लेकर छह लाख रुपए तक रही।
बड़े नेताओं की सभा का खर्च पार्टी के खाते में
इस चुनाव के दौरान भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केन्द्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर, प्रहलाद पटेल समेत अन्य भाजपा नेताओं ने रोड शो, रैली और प्रचार सभाएं की। दूसरी तरफ कमलनाथ ने भी बतौर स्टार प्रचारक सभाएं की। इन सभी प्रचारकों का खर्च पार्टी खाते में काउंट होना बताया गया है।