नौ दिन में दो हेलमेट बाइक चालकों की सुरक्षा के लिए तैयार किए गए हेलमेट बैंक से हेलमेट लेने में अभी तक केवल दो लोगों ने रुचि दिखाई है। बैंक के शुभारंभ को पूरे दस दिन हो चुके हैं, ऐसे में यह आंकड़ा साफ जाहिर कर रहा है कि बाइक चालकों में हेलमेट लेने के प्रति कोई दिलचस्पी नहीं है। सुविधा देने के बाद भी उसका अगर कोई लाभ न लेना चाहे तो इसके लिए न तो पुलिस कुछ कर सकती है न ही रोटरी क्लब।
हेलमेट बैंक का उद्देश्य रोटरी क्लब के साथ मिलकर पुलिस ने हेलमेट बैंक खोला है इसके पीछे पुलिस का बड़ा उद्देश्य है। आम लोगों को हेलमेट के प्रति जागरूक करना। बाहर से आने वाला व्यक्ति अगर हेलमेट लेकर नहीं आता और उसे लगता है कि हेलमेट होना चाहिए तो वह कुछ समय के लिए अपना आधार कार्ड, पैन कार्ड या फिर बाइक की आरसी जमा करने के बाद बैंक से हेलमेट ले सकता है। स्वयं का हेलमेट ले लेने के बाद बैंक से लिया गया हेलमेट लौटाना होगा। आम लोगों की सुविधा और सुरक्षा के लिए हेलमेट बैंक खोला गया है।
पहले दिन ही तीन हेलमेट दे चुके थे पहले दिन ही दिन बाइक सवारों को हेलमेट दे चुके थे। शनिवार को नौ हेलमेट दिए गए हैं। अभी ऑफिस में काम चल रहा है। खुलने का कोई समय तय नहीं हुआ है, इसीलिए ताला लगा रहा होगा। हमारे कर्मचारी अंदर से हेलमेट उपलब्ध कराते हैं। अभी दस्तावेजी कार्रवाई भी जारी है। हमारा प्रयास है कि हेलमेट बैंक को पूरे जोर-शोर से लोगों तक पहुंचाया जाए।
-सुदेश सिंह, डीएसपी, ट्रैफिक, छिंदवाड़ा