क्या कहते हैं शहर के वकील जिला न्यायालयों में प्रकरणों के निराकरण की बेहतर स्थिति हो चुकी है। लोक अदालत और जजों की नियुक्तियों से लंबित प्रकरण कम हुए हैं। हां यह जरूर है कि राज्य उपभोक्ता फोरम और उच्च न्यायालय में लंबित प्रकरणों की संख्या बढ़ रही है।
प्रणय नामदेव, वकील
प्रणय नामदेव, वकील
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पहले से अब में स्थितियां काफी सुधर चुकी हैं। लगभग हर तीन माह में लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। पहले एक सुनवाई के लिए तारीख दो से तीन माह की लगती थी, लेकिन अब 15 से 20 दिन में सुनवाई हो रही है।
अजल पालीवाल, वकील
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पहले से अब में स्थितियां काफी सुधर चुकी हैं। लगभग हर तीन माह में लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। पहले एक सुनवाई के लिए तारीख दो से तीन माह की लगती थी, लेकिन अब 15 से 20 दिन में सुनवाई हो रही है।
अजल पालीवाल, वकील
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लगभग हर तहसील में सिविल कोर्ट खुल चुका है। इससे जो पहले दबाव होता था वह कम हो गया है। हाइकोर्ट एवं सुप्रीमकोर्ट द्वारा समय-समय पर प्रकरण के निपटारे के लिए निर्देश भी जारी किए जा रहे हैं।
सत्येन्द्र वर्मा, वकील
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सत्येन्द्र वर्मा, वकील
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पहले यह माना जाता था कि एक बार न्यायालय में मामला चला गया तो सालों बाद न्याय मिलेगा, लेकिन अब आप ऐसा नहीं कह सकते। अब हर प्रकरण की सुनवाई जल्द से जल्द हो रही है। फैसले भी जल्द आ रहे हैं। व्यवस्थाएं काफी बदल चुकी हैं।
रजनीश ब्यौहार, वकील
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रजनीश ब्यौहार, वकील
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