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1420 करोड़ की परियोजना के पूरे होने में 20 दिन का इंतजार, अंतिम चरण में घाट सेक्शन का कार्य

locationछिंदवाड़ाPublished: Jun 17, 2019 09:37:45 am

Submitted by:

ashish mishra

जून के अंतिम सप्ताह तक चौथे और अंतिम खंड घाट सेक्शन का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।

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1420 करोड़ की परियोजना के पूरे होने में 20 दिन का इंतजार, अंतिम चरण में घाट सेक्शन का कार्य

छिंदवाड़ा. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे नागपुर मंडल के अंतर्गत 1420.38 करोड़ की छिंदवाड़ा से नागपुर आमान परिवर्तन परियोजना के जल्द ही पूरी होने की उम्मीद है। गेज कन्वर्जन विभाग के अधिकारियों की मानें तो जून के अंतिम सप्ताह तक चौथे और अंतिम खंड घाट सेक्शन का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। प्रयास है कि जुलाई के प्रथम सप्ताह में कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी इस खंड का निरीक्षण कर लेंगे। इसके पश्चात छिंदवाड़ा से नागपुर तक लोगों को सीधे ट्रेन की सुविधा मिल सकेगी। गौरतलब है कि गेज कन्वर्जन विभाग के लिए इस परियोजना में सबसे बड़ी चुनौती घाट सेक्शन थी। विभाग भले ही इस खंड का कार्य पूरा करने का दावा जून माह में कर रहा हो, लेकिन मजूदरों की कमी और जून माह से शुरु होने वाली बारिश से अधिकारी अंजान नहीं है। यही वजह थी कि मई माह में अधिकारियों के चेहरे पर चिंता की लकीरें खिंच गई थी। हालांकि गेज कन्वर्जन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि घाट सेक्शन में लगभग 19 किमी रेलमार्ग पर पटरी बिछा दी गई है। वहीं शेष डेढ़ किमी पर पटरी बिछाने का कार्य चार से पांच दिन में कर लिया जाएगा। बेल्डिंग और गिट्टी बिछाने का कार्य चल रहा है। अब अगर बारिश भी हुई तो कोई परेशानी नहीं आएगी।
दिन-रात चल रहा कार्य
गेज कन्वर्जन विभाग के अनुसार भंडारकुंड से भिमालगोंदी तक कुल 20 किमी रेलमार्ग का कार्य समय पर पूरा करने के लिए दिन-रात काम किया जा रहा है। हालांकि गर्मी में मजदूरों की कमी से थोड़ी परेशानी हो रही है, लेकिन अब पूरी संभावना है कि जून के अंतिम सप्ताह तक कार्य पूरा हो जाएगा।

149 किमी रेलमार्ग का पूरा हो जाएगा कार्य
गेज कन्वर्जन विभाग ने छिंदवाड़ा से नागपुर गेज कन्वर्जन का कार्य कुल चार खंडों में पूरा करने का लक्ष्य रखा है। जिसमें पहला खंड छिंदवाड़ा से भंडारकुंड कुल 35 किमी दूरी, दूसरा खंड इतवारी से केलोद तक कुल 47 किमी, तीसरा खंड केलोद से भिमालगोंदी कुल 44 किमी रेलमार्ग पर ट्रेन का परिचालन किया जा रहा है। चौथे और आखिरी खंड में भंडारकुंड से भिमालगोंदी कुल 20 किमी रेल लाइन का कार्य चल रहा है। जिसे पूरा करने का लक्ष्य गेज कन्वर्जन विभाग ने जून 2019 रखा है। कार्यों की रफ्तार को देखते हुए उम्मीद है कि जल्द ही इस खंड पर ट्रेन का परिचालन शुरु हो जाएगा।

समय पर पटरी न मिलना देरी की बनी वजह
छिंदवाड़ा से नागपुर रेल परियोजना में गेज कन्वर्जन विभाग ने मार्च माह में तीसरा खंड केलोद से भिमालगोंदी रेलमार्ग का कार्य पूरा कर लिया था। इसके पश्चात उनका अगला लक्ष्य भंडारकुंड से भिमालगोंदी रेलमार्ग को पूरा करना था। इस मार्ग पर लगभग 70 प्रतिशत कार्य पहले ही पूरे हो चुके थे। बस पटरी बिछाना बाकि था। हालांकि पटरी की कमी की वजह से कार्य पर ब्रेक लग गया। रेलवे बोर्ड द्वारा लगभग दो हफ्ते बाद गेज कन्वर्जन विभाग को पटरी उपलब्ध कराई गई। इसके पश्चात गेज कन्वर्जन विभाग ने मजदूरों की कमी और बारिश की संभावना के बीच भंडारकुंड से भिमालगोंदी तक पटरी बिछाने का कार्य शुरु किया। कार्य तेज गति से किया जा रहा है। विभाग अब समय पर लक्ष्य पूरा होने को लेकर आश्वस्थ है। भंडारकुंड से भिमालगोंदी रेलमार्ग पर घाट सेक्शन में कुल 20 किमी दूरी में अब महज डेढ़ किमी दूरी पर पटरी बिछाने का कार्य शेष है।
दो लंबी सुरंगे और घुमावदार रास्ता
भंडारकुंड से भिमालगोंदी रेलमार्ग घाट सेक्शन में आता है। इस रेलमार्ग पर दो लंबी सुरंग भी है। वहीं रास्ता काफी घुमावदार है। ऐसे में यहां कार्य पूरा करना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं। इस कार्य के पूरा होने के बाद ही छिंदवाड़ा से नागपुर तक लोगों को सीधे ट्रेन मिलेगी।
फैक्ट फाइल
परियोजना की कुल लागत-1420.38 करोड़
छिंदवाड़ा से नागपुर परियोजना की लंबाई-149 किमी
स्टेशनों की संख्या-11
हाल्ट स्टेशनों की संख्या-14
बड़े पुलों की संख्या-28
छोटे पुलों की संख्या-307
टनल की संख्या-2


वर्ष 2015 में नैरोगेज बंद करने के बाद चली प्रक्रिया
1 दिसंबर 2015 को छिंदवाड़ा से नागपुर आमान परिवर्तन परियोजना के लिए छोटी रेल लाइन पर टे्रन का परिचालन बंद कर दिया गया। इसके बाद गेज कन्वर्जन विभाग ने ब्राडगेज के लिए चरणबद्ध कार्य शुरु किया। विभाग ने छिंदवाड़ा से नागपुर कुल 149 किमी रेलमार्ग को चार खंडों में पूरा करने का लक्ष्य बनाया। विभाग ने पहला खंड छिंदवाड़ा से भंडारकुंड तक (कुल 35 किमी) रेलमार्ग का कार्य वर्ष अक्टूबर 2017 में पूरा कर लिया। जनवरी 2018 में छिंदवाड़ा से भंडारकुंड तक ट्रेन का परिचालन भी शुरु हो गया। जनवरी 2019 में दूसरे खंड इतवारी से केलोद तक(47 किमी) रेलमार्ग का भी कार्य पूरा हुआ। 23 फरवरी से इस रेलमार्ग पर ट्रेन का परिचालन भी शुरु कर दिया गया। इसके पश्चात लगभग दो माह बाद ही सीआरएस ने 16 एवं 17 मार्च को केलोद से भिमालगोंदी तक निरीक्षण कर कर एक हफ्ते में ही सर्टिफिकेशन लेटर जारी कर दिया। इस मार्ग पर भी ट्रेन का परिचालन शुरु हो गया है। अब चौथे खंड का कार्य शेष है।

दस वर्ष पहले रखी गई थी नींव
छिंदवाड़ा से नागपुर रेल परियोजना की नींव लगभग दस वर्ष पहले ही रख दी गई थी। हालांकि अब तक हुए कार्यों को देखें तो परियोजना को पूरा करने की रफ्तार काफी धीमी रही है। रेल अधिकारियों के अनुसार प्रस्ताव स्वीकृत होने के बाद अतिक्रमण, अधिग्रहण और अन्य प्रक्रिया पूरी की गई। जिसमें काफी समय लग गया। इसके पश्चात वर्ष 2016 से छिंदवाड़ा से नागपुर तक छोटी लाइन से बड़ी लाइन परिवर्तन का कार्य तेज रफ्तार से किया गया।
आ रही थी परेशानी
संपूर्ण भारतीय रेलवे में छोटी लाइन का सबसे बड़ा नेटवर्क दपूमरे नागपुर मंडल के अंतर्गत स्थित था। महाराष्ट्र एवं मध्यप्रदेश जैसे दो महत्वपूर्ण राज्यों की सेवा एवं तत्कालीन मध्य प्रांत के साथ इस क्षेत्र को जोडऩे के उद्देश्य से 150 किमी लंबी छोटी लाइन नागपुर-छिंदवाड़ा लाइन का प्रारंभ 1913 में किया गया था। हालांकि समय के साथ जब अन्य जगह बड़ी लाइन की सुविधा हो गई तो छिंदवाड़ा में छोटी लाइन होने के कारण वहां सीधा रेल परिचालन संभव नहीं हो पा रहा था। ऐसे में यहां आर्थिक विकास में सामाजिक रूप से एवं देश के दूसरे हिस्से से निजी तौर पर संवाद कायम करने में अनेक परेशानियां आती रहती थी। इन आर्थिक एवं सामाजिक परेशानियों को देखते हुए इन गेज कन्वर्जन करने का निर्णय लिया गया। 1 दिसंबर 2015 को छिंदवाड़ा से नागपुर आमान परिवर्तन परियोजना के लिए छोटी रेल लाइन पर टे्रन का परिचालन बंद कर दिया गया।
इतवारी रेलवे स्टेशन से संबंधित जरूरी बात
इतवारी रेलवे स्टेशन महाराष्ट्र राज्य के अंतर्गत दपूमरे का एक महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन है। इतवारी स्टेशन को नागपुर रेलवे स्टेशन के उपनगरीय रेलवे स्टेशन के रूप में सर्वव्यवस्थित रूप से विकसित किया जा रहा है। इतवारी स्टेशन नागपुर की ओर से दपूमरे का पहला स्टेशन भी है।
जुलाई में सीआरएस का प्रयास
भंडारकुंड से भिमालगोंदी तक घाट सेक्शन है। इसमें अब डेढ़ किमी पटरी बिछाने का कार्य शेष रह गया है। प्रयास है कि जुलाई के प्रथम सप्ताह में सीआरएस कराया लिया जाए। अब बारिश होने से कार्यों में कोई अड़चन नहीं आएगी। निर्धारित समय तक कार्य पूरा कर लेंगे।
एके सिंह, डिप्टी सीई, रेल गेज कन्वर्जन विभाग,
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