सुधार के बाद ही टे्रन चलाने की अनुमति
सीआरएस ने निरीक्षण के दौरान पाई गई कमियों को अप्रूवल लेटर में जिक्र किया है। इसको दूर करने के बाद ही ट्रेन परिचालन की बात कही गई है। एक माह नियमित ट्रेन परिचालन के बाद अधिकतम स्पीड 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार की जा सकती है।
तेज हुई प्रक्रिया
छिंदवाड़ा से नागपुर तक जल्द लोगों को ट्रेन मिले इसके लिए जनवरी 2019 से प्रयास तेज हो गए हैं। यही वजह है कि सीआरएस एके राय ने 12 एवं 13 जनवरी को इतवारी से केलोद तक बनाए गए रेलमार्ग का निरीक्षण कर लगभग एक हफ्ते में ही अप्रूवल लेटर जारी कर दिया था। 23 फरवरी से इस रेलमार्ग पर ट्रेन का परिचालन भी शुरु कर दिया गया। इसके पश्चात लगभग दो माह बाद ही सीआरएस ने 16 एवं 17 मार्च को केलोद से भिमालगोंदी तक निरीक्षण कर कर एक हफ्ते में ही सर्टिफिकेशन लेटर जारी कर दिया।
सीआरएस ने निरीक्षण के दौरान पाई गई कमियों को अप्रूवल लेटर में जिक्र किया है। इसको दूर करने के बाद ही ट्रेन परिचालन की बात कही गई है। एक माह नियमित ट्रेन परिचालन के बाद अधिकतम स्पीड 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार की जा सकती है।
तेज हुई प्रक्रिया
छिंदवाड़ा से नागपुर तक जल्द लोगों को ट्रेन मिले इसके लिए जनवरी 2019 से प्रयास तेज हो गए हैं। यही वजह है कि सीआरएस एके राय ने 12 एवं 13 जनवरी को इतवारी से केलोद तक बनाए गए रेलमार्ग का निरीक्षण कर लगभग एक हफ्ते में ही अप्रूवल लेटर जारी कर दिया था। 23 फरवरी से इस रेलमार्ग पर ट्रेन का परिचालन भी शुरु कर दिया गया। इसके पश्चात लगभग दो माह बाद ही सीआरएस ने 16 एवं 17 मार्च को केलोद से भिमालगोंदी तक निरीक्षण कर कर एक हफ्ते में ही सर्टिफिकेशन लेटर जारी कर दिया।
20 किमी रेलमार्ग का कार्य शेष
रेलवे निर्माण विभाग द्वारा छिंदवाड़ा से नागपुर तक (149 किमी रेलमार्ग)गेज कन्वर्जन के कार्यों को कुल चार खंड में पूरा किया जा रहा है। जिसमें दो खंड में ट्रेन का परिचालन किया जा रहा है। तीसरे खंड में केलोद से भिमालगोंदी तक बनाए गए रेलमार्ग को सीआरएस ने अप्रूव कर दिया है। अगले हफ्ते से इस पर ट्रेन का परिचालन भी शुरु हो जाएगा। इसके पश्चात चौथा एवं आखिरी खंड भिमालगोंदी से भंडारकुंड रेलमार्ग रह जाएगा। 20 किमी में बनाए गए इस रेलमार्ग का कार्य पूरा होते ही छिंदवाड़ा से नागपुर तक सीधे ट्रेन मिलेगी।
आ गया है अप्रूवल लेटर
रेलवे निर्माण विभाग, सौंसर परिक्षेत्र के डिप्टी सीई एके सिंह ने बताया कि भिमालगोंदी से केलोद रेलमार्ग को सीआरएस ने अप्रूव कर दिया है। जरूरी क्लाज के साथ अधिकतम 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक ट्रेन चलाने की अनुमति दी गई है। जल्द ही रेलमार्ग पर ट्रेन चलेगी।
रेलवे निर्माण विभाग, सौंसर परिक्षेत्र के डिप्टी सीई एके सिंह ने बताया कि भिमालगोंदी से केलोद रेलमार्ग को सीआरएस ने अप्रूव कर दिया है। जरूरी क्लाज के साथ अधिकतम 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक ट्रेन चलाने की अनुमति दी गई है। जल्द ही रेलमार्ग पर ट्रेन चलेगी।