कलेक्टर की समीक्षा में आई हकीकत, ग्रामीण इलाकों में कहीं नर्सेस नहीं तो कहीं बिल्डिंग में सेटअप का अभाव
छिंदवाड़ा•Mar 11, 2024 / 11:29 am•
manohar soni
स्वास्थ्य…आधे डिलीवरी प्वाइंट निष्क्रिय, इसलिए यहां रोज 40 प्रसव का दबाव
छिंदवाड़ा.जिले के ग्रामीण स्तर की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई हुई है। किसी स्वास्थ्य केन्द्र में नर्सेस नहीं है तो कोई कागज में काम कर रही है। बिल्डिंग और स्वास्थ्य सुविधाएं नदारद है। डिलीवरी प्वाइंट पर ताले लगे हैं। इस वजह से हर दिन ग्रामीण स्तर से गर्भवती महिलाएं जिला अस्पताल में रैफर हो रही है। एक दिन पहले कलेक्टर की समीक्षा में स्वास्थ्य विभाग में चल रही इस गड़बड़ी उजागर हुई है।
इस समीक्षा में ये तथ्य आया कि चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान दर्ज हुई 41 मातृ मृत्यु के केस आए। तमाम स्वास्थ्य सुविधाएं होने के बाद इन महिलाओं का डिलीवरी के दौरान मृत होना सवालिया निशान है। अभी केवल ग्रामीण स्तर की उप स्वास्थ्य केंद्र की एएनएम को नोटिस देने कहा गया है। इसी तरह जिले में स्थित 51 डिलीवरी पॉइंट्स की समीक्षा में 24 तो काम करते नहीं पाए गए। जिन पर कलेक्टर ने नाराजगी व्यक्त की। इससे पूरे स्वास्थ्य सिस्टम की खराबी का पता चलता है, जिसे पहली बार कलेक्टर ने छुआ है। ये भी पता चला है कि ग्रामीण स्वास्थ्य केन्द्रों में कहीं नर्सेस नहीं तो कहीं बिल्डिंग में सेटअप का अभाव है। इसके चलते यह स्थिति बन रही है।
ये स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए भी शर्मनाक हैं। फिलहाल कलेक्टर की नसीहत से स्वास्थ्य विभाग का डिलेवरी सिस्टम सुधर जाए तो जिला अस्पताल में ग्रामीण डिलेवरी का दबाव कम होगा। स्थानीय डॉक्टर
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जिला अस्पताल में हर माह औसत 40 डिलेवरी
जिला अस्पताल का रिकार्ड देखा जाए तो हर माह औसत 35-40 गर्भवती महिलाओं की डिलेवरी हो रही है। ज्यादातर गर्भवती महिलाएं ग्रामीण क्षेत्रों की है। डिलेवरी के पहले नियमित जांच न होने से प्रसव के दौरान हाई बीपी, खून की कमी, अधिक रक्तस्त्राव व अन्य बीमारी से जूझती मिलती है। ये भी ग्रामीण स्तर पर नहीं मिल रही सुविधाओं का नतीजा है। लापरवाही के कारण उन महिलाओं की जान पर बन आती है। पिछले साल 2023 में जनवरी से नवंबर तक 11 माह में 10 प्रसूता तथा 359 नवजात की प्रसव के दौरान मौत भी हुई है। दिसम्बर से मार्च 24 तक के डाटा का अनुमान लगाया जा सकता है।
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अस्पताल पर 150 ओपीडी, क्षमता से अधिक प्रसूताएं
जिला अस्पताल के गायनिक वार्ड की क्षमता 120 बिस्तर की है। नई इमारत में 30 बिस्तर का एक अतिरिक्त वार्ड बनाया गया है जिससे वर्तमान में क्षमता 150 हो गई है। हालांकि वार्ड में रोजाना 200 से ज्यादा गर्भवती महिलाएं भर्ती होती हैं। ज्यादा डिलेवरी से गायनिक वार्ड पर वर्तमान में दबाव अधिक है।
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इनका कहना है…
जिले में ज्यादा डिलीवरी प्वाइंट काम नहीं कर पा रहे हैं,वहां नर्सेस की पोस्टिंग की जाएगी। इसके साथ ही बिल्डिंग समेत अन्य सेटअप का सुधार होगा। इससे हम पुन: इन प्वाइंट पर डिलीवरी का लक्ष्य प्राप्त कर लेंगे।
-डॉ.नरेश गुन्नाड़े, जिला स्वास्थ्य अधिकारी।
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