साप्ताहिक छुट्टी के कारण अगर १३ वें वेतन का बोझ हटता है तो सरकारी खजाने में लाखों रुपए की बचत होगी। प्रदेश स्तर पर यह आंकड़ा करोड़ रुपए में होगा। बता दें की प्रदेश के सभी जिलों में 26 जनवरी से साप्ताहिक अवकाश नियमित रूप से शुरू कर दिए गए हैं। अतिआवश्यक कार्य, लॉ एन आर्डर के साथ न्यायालय संबंधी काम के लिए थाना प्रभारी अपने अधीनस्थ कर्मचारियों का अवकाश निरस्त कर सकते हैं। रद्द किए गए अवकाश को उसी माह में समायोजित भी कर सकेंगे। पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश न मिलने की दशा में सालभर के 52 साप्ताहिक छुट्टी को 30 दिन का अतिरिक्त समय मानते हुए एक माह का अतिरिक्त वेतन दिया जाता है। १३ वां वेतन बंद किया जाता है तो सरकार को बड़ा फायदा होगा। हालांकि अभी तक यह तय नहीं हुआ है कि साप्ताहिक अवकाश के कारण तेरहवां वेतन दिया जाएगा या नहीं। पुलिसकर्मियों में जरूर इसे लेकर चर्चा चल रही है। पुलिस मुख्यालय भोपाल से भी अभी तक जिला स्तर पर कोई दिशा निर्देश नहीं मिले हैं।
अप्रैल और अक्टूबर में मिलता है वेतन
पुलिस आरक्षक से लेकर निरीक्षक तक को साल में दो बार अतिरिक्त वेतन दिया जाता है। अप्रैल और अक्टूबर माह में 15-15 दिन का अतिरिक्त वेतन उनके खाते में जमा कर दिया जाता है। जिसका लेखा-जोखा ट्रैजरी, जिला पुलिस, पीएचक्यू एवं वित्त विभाग पुलिस के पास होता है। साप्ताहिक अवकाश शुरू होने के बाद से जिले के पुलिसकर्मियों को तेरहवें वेतन पर संकट के बादल नजर आ रहे हैं।