बताया जाता है कि कलेक्टर ने तीन दिवस के भीतर बीइओ तथा बीआरसी से नोटिस का जवाब मांगा है तथा आदेश का पालन नहीं करने तथा संतोषजनक जवाब नहीं दिए जाने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। जानकारी के अनुसार प्राथमिक शाला मुरमारी में उपजे तनाव के निराकरण की जिम्मेदारी डीपीएमयू की बैठक में बीइओ तथा बीआरसी को दी गई थी। इसके बावजूद उक्त अधिकारियों ने लापरवाही बरती, जिसके चलते कलेक्टर ने सख्ती दिखाई है।
यह है मामला – शिकारपुर के समीप ग्राम मुरमारी में संचालित शासकीय प्राथमिक शाला के विद्यार्थियों ने शिक्षिका के विरोध में स्कूल जाना बंद कर दिया। स्थानीय जनप्रतिनिधियों तथा ग्रामीणों ने आक्रोश के बाद मामला प्रकाश में आया। जिसके बाद शैक्षणिक अमले में हचचल मच गई। बताया जाता है कि शिक्षिका के भय और माध्याह्न भोजन में लापरवाही के कारण बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं।
शिक्षिका की पहले भी ग्रामीणों ने शिकायत की थी। जांच के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने शिक्षिका को निलंबित कर परासिया बीइओ कार्यालय में अटैच किया था। हाल ही में डीइओ ने उक्त शिक्षिका को बहाल कर मुरमारी स्कूल में ही पदस्थापना दी है।