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छिंदवाड़ा

Coal India: कोल स्टॉक में लगी आग, प्रबंधन ही संदेह के दायरे में, जानिए वजह

Coal India: पिछले पंद्रह दिनों से कोल यार्ड में धुआं दिखाई दे रहा था, लेकिन प्रबंधन ने गम्भीरता से नहीं लिया

छिंदवाड़ाOct 19, 2019 / 12:15 am

prabha shankar

Chhindwara

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छिंदवाड़ा/ परासिया/ प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए का घाटा झेल रहे पेंच क्षेत्र की मुसीबतें कम नहीं हो रहीं हैं। विष्णुपुरी भूमिगत कोयला खदान में शुक्रवार को कोल स्टॉक में आग की लपटें दिखीं जिसकी जद में हजारो टन कोयला आ गया। कोल स्टॉक में एक बार आग लगने पर उसे पूरी तरह बुझाना बहुत ही मुश्किल होता है। ऊपर से आग बुझी दिखाई देती है, लेकिन अंदर कोयला सुलगता रहता है। श्रमिक नेताओं का कहना है कि पिछले पंद्रह दिनों से कोल यार्ड में धुआं दिखाई दे रहा था, लेकिन प्रबंधन द्वारा गम्भीरता से नहीं लेने के कारण शुक्रवार को आग भडक़ गई और बंकर के समीप तेज लपटें देखी गईं।

गौरतलब है कि बंकर के समीप आग लगने से अब कोयला परिवहन करने में परेशानी बढ़ जाएगी। शुक्रवार दोपहर को प्रबंधन ने आग बुझाने के लिए परम्परागत उपाय किए हैं, लेकिन यह नाकाफी सिद्ध हो रहे हैं। विष्णुपुरी खदान में 468 कर्मचारी कार्यरत हैं और इस खदान से प्रतिदिन करीब चार सौ टन कोयला उत्पादन किया जाता है। आरोप लगाए जा रहे हैं कि पिट सेफ्टी कमेटी एवं संगठन के पदाधिकारियों द्वारा स्थानीय प्रबंधन का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराने के बाद भी समय पर उचित कार्रवाई नहीं की गई। इससे हालात और बिगड़ गए।

कोयला स्टॉक को लेकर संशय
सूत्रों के अनुसार खदान में कागजों पर कोयला स्टॉक लगभग 19 हजार टन दर्शाया गया है जबकि हकीकत में कोयला स्टॉक तीन हजार टन ही है। लक्ष्य प्राप्ति के लिए उत्पादन को दर्शाने के लिए ओवर रिर्पोटिंग की गई, लेकिन बाद में यह मैनेज नहीं हो पाया। आग लगने की घटना को लेकर संदेह व्यक्त किया जा रहा है और स्टॉक मेजरमेंट से इसे जोड़ कर देखा जा रहा है।

कोल स्टॉक में आग लगने की घटना स्थानीय प्रबंधन की लापरवाही को दर्शाता है। हमने जब भी खान प्रबंधक का इस ओर ध्यान आकृष्ट कराया तो उनका जवाब टालमटोल वाला रहा। हमने आग लगने की घटना की जांच कर इसमें लापरवाही पाए जाने पर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
-राजेश सूर्यवंशी, अध्यक्ष एचएमएस यूनियन

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