कोयला स्टॉक को लेकर संशय
सूत्रों के अनुसार खदान में कागजों पर कोयला स्टॉक लगभग 19 हजार टन दर्शाया गया है जबकि हकीकत में कोयला स्टॉक तीन हजार टन ही है। लक्ष्य प्राप्ति के लिए उत्पादन को दर्शाने के लिए ओवर रिर्पोटिंग की गई, लेकिन बाद में यह मैनेज नहीं हो पाया। आग लगने की घटना को लेकर संदेह व्यक्त किया जा रहा है और स्टॉक मेजरमेंट से इसे जोड़ कर देखा जा रहा है।
कोल स्टॉक में आग लगने की घटना स्थानीय प्रबंधन की लापरवाही को दर्शाता है। हमने जब भी खान प्रबंधक का इस ओर ध्यान आकृष्ट कराया तो उनका जवाब टालमटोल वाला रहा। हमने आग लगने की घटना की जांच कर इसमें लापरवाही पाए जाने पर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
-राजेश सूर्यवंशी, अध्यक्ष एचएमएस यूनियन