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कैसे हो सकती है भगवान की प्राप्ति, भागवताचार्य ने क्या दिया संदेश, पढ़ें पूरी खबर

locationछिंदवाड़ाPublished: Jun 25, 2019 12:48:23 pm

Submitted by:

ashish mishra

परिक्षित एवं शुकदेव की कथा सुनाई।

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कैसे हो सकती है भगवान की प्राप्ति, भागवताचार्य ने क्या दिया संदेश, पढ़ें पूरी खबर


छिंदवाड़ा. श्रीराम मंदिर छोटा बाजार में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन व्यासपीठ पर विराजमान नागेन्द्र ब्रह्मचारी ने परिक्षित एवं शुकदेव की की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि अमृत से व्यक्तिअमर हो सकता है, लेकिन उसे आनंद नहीं मिल सकता। भागवत कथा मनुष्य को आनंद के साथ ही मुक्ति भी प्रदान करती है। मनुष्य को नियमित भगवान की आराधना करनी चाहिए। असहाय लोगों की सेवा करनी चाहिए और सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए। सत्य के मार्ग पर चलकर ही मनुष्य को भगवान की प्राप्ति होती है। उन्होंने उपस्थित श्रद्धालुओं से कहा कि न यह शरीर तुम्हारा है, न तुम शरीर के हो। यह अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी, आकाश से बना है और इसी में मिल जाएगा, लेकिन आत्मा स्थिर है। परिवर्तन संसार का नियम है, जिसे तुम मृत्यु समझते हो, वही तो जीवन है। एक क्षण में मनुष्य करोड़ों का स्वामी बन जाता है तो दूसरे ही क्षण में दरिद्र हो जाता है। उन्होंने कहा कि कलियुग में मोक्ष का सबसे बड़ा साधन भागवत कथा श्रवण है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से अमृत कथा को सुनकर महापापी धुंधकारी भी परम धाम को प्राप्त हुए। इसी तरह से कथा का श्रवण कर मनुष्य भी अपना लोक सुधार सकते हैं। उन्होंने कहा कि गोकरण की समृद्धि से अपने भाई की आत्मा को भटकने से बचाकर उसे सत्मार्ग की राह दिखाई। उसके कानों में श्रीमद्भागवत कथा पड़ते ही वह भी स्वर्ग चला गया। यह कथा संपूर्ण कथा जीव के कल्याण की कथा है। जिसे सुकदेव मुनि से राजा परीक्षित ने सुनी थी और वह अपने जीवन के बचे दिन भगवत चर्चा में लगाकर ईश्वर के परम धाम को प्राप्त हो गए। भागवत कथा के तीसरे दिन ध्रुव चरित्र, राम जन्म के साथ ही शिव विवाह की कथा एवं झांकी प्रस्तुत की जाएगी। कथा का श्रवण करने काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
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