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यहां हुआ था बहिष्कार,फिर भी नहीं सुधरे हालात

locationछिंदवाड़ाPublished: Oct 29, 2018 11:34:28 am

Submitted by:

manohar soni

पिछले विधानसभा चुनाव 2013 में सडक़,पानी समेत अन्य मांगें पूरा न होने पर आक्रोशित हो उठे थे ग्रामीण

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छिंदवाड़ा.पिछले विधानसभा चुनाव 2013 में नंदौरा,झिरिया और परसोड़ी में मतदान का बहिष्कार किया गया था। उस समय ग्रामीण सडक़,पानी और दमुआ नगरपालिका से अलग पंचायत के मुद्दे पर आक्रोशित थे। इसके चलते नाममात्र के वोट डल पाए थे। इस बहिष्कार के पांच साल बाद परसोड़ी में केवल सडक़ बन सकी। दो अन्य गांवों की समस्या दूर नहीं की जा सकी।

निर्वाचन रिकार्ड के अनुसार जुन्नारदेव विधानसभा के अधीन दमुआ नगर से लगे ग्राम नंदौरा को नगरपालिका के गठन के समय शामिल कर लिया गया था। ग्रामीणजन इसके विरोध में थे। जैसे ही विधानसभा चुनाव 2013 आया। इस गांव के बूथ क्रमांक 139 के अधिकांश लोगों ने विरोधस्वरूप मतदान में हिस्सा नहीं लिया। कुल 871 में से 54 लोग ही वोट डाल पाए। मतदान प्रतिशत 6.20 था। दूसरा विरोध सौंसर विधानसभा के ग्राम झिरिया के बूथ नं.69 में हुआ,जहां 516 वोट में से मात्र 16 वोट डलने से प्रतिशत 3.10 रहा। ग्रामीणों ने पानी,सडक़ समेत अन्य मुद्दों को लेकर वोट नहीं दिया। तीसरा विरोध पांढुर्ना विधानसभा के ग्राम परसोड़ी के बूथ नं.122 में था,जहां ग्रामीणों ने सडक़ न बनाने के मुद्दे पर वोट नहीं दिया था। यहां कुल वोट 719 में से केवल 2 वोट मिले।

परसोड़ी में बनी सडक़,दो गांव अभी भी उपेक्षित

परसोड़ी में मतदान बहिष्कार से सबक लेकर अधिकारी और जनप्रतिनिधि जागे और सडक़ का निर्माण कराया। जबकि नंदौरा में ग्रामीणों की आवाज जनप्रतिनिधियों ने नहीं सुनी। उसे दमुआ नगरपालिका का हिस्सा बनाए रखा। ग्रामीणजन सडक़,पानी समेत अन्य समस्याओं से जूझ रहे हैं। इसी तरह झिरिया पंचायत के ग्रामीणों की समस्याओं को भी अनसुना कर दिया गया।

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इस बार मछेरा और बांडाबोह तैयार

इस विधानसभा चुनाव 2018 में पांढुर्ना विधानसभा के दो गांव मछेरा और बांडाबोह मतदान बहिष्कार के लिए तैयार है। मछेरा में सडक़ का निर्माण न होने से ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाएं समय पर नहीं मिल पा रही हैं। कई गर्भवती महिलाओं की बीच रास्ते में मौत हो चुकी है। दूसरे गांव बांडाबोह से लेकर ग्राम रोहनाकलां की 13 सौ मीटर सडक़ न बनने से ग्रामीणजन बहिष्कार की चेतावनी दे चुके हैं।

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महिलाओं से पीछे रह गए थे पुरुष
वर्ष 2013 के इस चुनाव में छिंदवाड़ा शहर के तीन बूथों में पुरुषों का मतदान महिलाओं की तुलना में अत्यंत कम रहा। ये क्षेत्र सरकारी अधिकारी-कर्मचारी बहुल इलाका कहलाता है। शहर के बूथ 214 आइटीआई में पुरुषों का वोटिंग प्रतिशत 44.28 रहा तो वहीं महिलाएं 82.93 फीसदी रही। इसी तरह बूथ नं.215 एसएएफ प्राथमिक शाला में मतदान पुरुष 44.88 प्रतिशत रहे तो वहीं 67.16 फीसदी वोट महिलाओं के रहे। बूथ नं.208 सिंचाई विभाग में भी पुरुष मतदान 42.69 तथा महिला मतदान 71.08 प्रतिशत रहा। जुन्नारदेव में दमुआ बूथ 137 और कालीछापर बूथ 123 में पुरुष मतदान प्रतिशत रहा। परासिया विधानसभा के ग्राम अम्बाड़ा के बूथ नं.58 में पुरुष मतदान 47.52 रहा। जबकि यहीं महिलाओं ने 49.43 प्रतिशत वोटिंग की थी।
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