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छतरपुर के उत्कर्ष, सृष्टि व भरतदीप ने बाजी मारी, बने सिविल जज

locationछतरपुरPublished: Aug 22, 2019 12:17:33 am

बुधवार को मप्र सिविल जज परीक्षा के परिणाम घोषित हो गए हैं। इस बार शहर के तीन युवाओं ने पहले-दूसरे ही प्रयास में सफलता पाई है।

Utkarsh of Chhatarpur, Srishti and Bharatdeep won, became civil judge

Utkarsh of Chhatarpur, Srishti and Bharatdeep won, became civil judge

छतरपुर. बुधवार को मप्र सिविल जज परीक्षा के परिणाम घोषित हो गए हैं। इस बार शहर के तीन युवाओं ने पहले-दूसरे ही प्रयास में सफलता पाई है। सबसे कम उम्र के उत्कर्ष राज सराफ पिता दिनेश सोनी का चयन सिविल जज के लिए हुआ है। वहीं एमपीइबी महेंद्र कुमार शर्मा में पदस्थ लिपिक की बेटी सृष्टि शर्मा और बारीगढ़ निवासी भरतदीप चौरसिया का चयन भी सिविल जज के लिए हुआ है। यह तीनों पं. मोतीलाल नेहरू लॉ कॉलेज के छात्र रहे हैं।

सृष्टि शर्मा:

सिविल जज परीक्षा में दूसरे प्रयास में सफल हुई शहर की बेटी सृष्टि शर्मा ने हर दिन 8 से 10 घंटे पढ़ाई करके यह सफलता पाई है। उनके पापा का सपना था कि बेटी जज बने, इसलिए एलएलबी में एडमीशिन लिया और २०१६ से सिविल जज की तैयारी शुरू कर दी। सृष्टि ने बताया कि उनके फूफा जी भी जज हैं, इसलिए उनकी प्रतिष्ठा-सम्मान देखती थी तो बड़ा अच्छा लगता था। उनसे प्रेरणा लेकर तैयारी शुरू की और सफलता मिल गई। सृष्टि ने बताया कि उनके पिता एमपीइबी में सर्विस करते है। पिता ने उन्हें खूब प्रोत्साहन दिया। छतरपुर में ही रहकर कोचिंग की। सृष्टि को डांस, कुकिंग, बैडमिटन खेलना अच्छा लगता है। सृष्टि का एक छोटा भाई है जो पीएससी की तैयारी कर रहा है। बुधवार को जब सृष्टि को रिजल्ट का पता चला तो पूरे घर में खुशी छा गई। रिश्तेदार, पड़ोसी से लेकर परिचित के लोग बधाई देने पहुंच गए। सृष्टि के पिता महेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि उन्हें अपनी बेटी पर नाज है।

भरतदीप चौरसिया:

जिले के दूरस्थ ग्राम बारीगढ़ निवासी भरतदीप चौरसिया ने मप्र न्यायपालिका वर्ग दो की परीक्षा में २३ वां स्थान हासिल किया है। भरतदीप लंबे समय से सिविल जज की तैयारी कर रहे थे। उन्होंने दूसरे बार के प्रयास में यह सफलता हासिल की है। भरतदीप के माता-पिता इस दुनिया में नहीं है। चार भाई और एक बहन में दूसरे नंबर के भरतदीप ने अपने ताई-ताऊ के पास रहकर पढ़ाई की। भाई अमरदीप चौरसिया से मिले प्रोत्साहन के बाद उन्होंने सिविल जज की तैयारी की। मुंशी प्रेमचंद्र को पढऩे और क्रिकेट खेलने का शौक रखने वाले भरतदीप ने बताया कि पिता स्व. अरुण कुमार चौरसिया किसान थे। 2010 में उनका निधन हो गया था। उसके पहले मां २००७ में चल बसी थीं। अभावों के बीच उन्होंने पढ़ाई की। 2012 में एलएलबी करने के बाद सिविल जज के लिए तैयारी शुरू कर दी थी। दूसरे इंटरब्यू में उन्होंने यह सफलता पाई है। तीन दिन पहले बारीगढ़ में उनकी ताई का निधन होने पर वे गांव में ही थे, तभी बुधवार को उन्हें खबर मिली कि सिविल जज के रूप में उनका चयन हो गया है। इससे पूरे गांव में खुशी छा गई और लोगों ने भरतदीप को बधाई दी। भरतदीप ने बताया कि उन्हें जज बनने की प्रेरणा अपने दादा दी स्व. दृगपाल चौरसिया से मिली थी।

उत्कर्षराज:

तमरयाई मोहल्ला निवासी सराफा व्यवसायी दिनेश सोनी के बेटे उत्कर्षराज ने पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की है। बुधवार को जब रिजल्ट आया तब उत्कर्ष अपने पूरे परिवार के साथ इंदौर में थे। सिविल जज के लिए चयन होने की सुखी परिवार के साथ बांटकर वे छतरपुर के लिए रवाना हो गए। उत्कर्ष ने बताया कि बचपन से उनका सपना था कि वे जज बने, इसलिए एलएलबी करने के बाद से ही उन्होंने तैयारी शुरू कर दी थी। शहर में ही रहकर कोचिंग की। माता-पिता और दादा खूबचंद्र सोनी की प्रेरणा से प्रतिदिन ८ से १० घंटे तक पढ़ाइ की। जबलपुर में इंटरब्यू देने के बाद से ही भरोसा हो गया था कि वह सफल होंगे।

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