शहर में कुछ स्थानों में सुबह और कुछ स्थानों में सुबह व शाम को प्रतिदिन पेयजल की सप्लाई की जा रही है। लेकिन इस दौरान लोग अपने उनयोग का पानी भरने के बाद पनी को बहा रहे हैं। वहीं कुछ लोग घरों के बाहर पानी से सफाई तो कोई वाहनों को धुलकर सैकडों लीटर पानी की बर्बादी कर रहे हैं।
जीवन के लिए पानी कितना महत्वपूर्ण है इसका अंदाजा पानी की किल्लत झेल रहे उन इलाकों से लगाया जा सकता है। जहां पानी की एक-एक बूंद को लोग तरस जाते हैं। शहर में पेयजल संरक्षण के प्रति न तो शहरवासियों में जागरूकत नहीं दिख रही है और ना ही नगर पालिका इसके प्रति गंभीरता नहीं दिखा रहा है। शहर के विभिन्न वार्डों में नगर पालिका की ओर से लगाए गए पेयजल की नलों पर कई ऐसे हैं, जहां टोटियां तक नहीं हैं। इसी तरह पानी बहता रहता है। हालात ये हैं कि पेयजल सप्लाई होने पर काफी समय तक जब पानी नाली में बहता रहता है, तब लोगों जान जाते हैं कि नल में पानी आ गया है। ऐसी टोंटियों से पानी भरने के बाद, लोग अपने रबर की पाइप निकाल कर घर में रख लेते हैं। जिसके कारण टोंटियों से पानी बर्बाद होता रहता है। नगर पालिका की ओर से बताया कि जो भी सार्वजनिक कनेक्शन हैं वहां पर टोंटियां लगाई गई हैं, लेकिन लोगों द्वारा घरों में कनेक्शनों में टोंटियां नहीं लगाई गई हैं जिससे प्रतिदिन पानी बर्बाद हो रहा है। अभी लोगों से अपील की गई है, लेकिन अगर अपील के बाद भी लोगों द्वारा पानी को बर्बाद किया गया तो कार्रवाई की जाएगी।
नगर पालिका कर सकता है कार्रवाई नगर पालिका क्षेत्र में पानी की बर्बादी हो या फिर पानी के कनेक्शन का दुरुपयोग किया जा रहा है तो नगर पालिका को उसका कनेक्शन काटने, जुर्माना लगाने आदि का पूर्ण अधिकार है। छतरपुर जिले के कुछ नगरीय निकायों द्वारा ऐसे मामलों में कार्रवाईयां की गई हैं। लेकिन छतरपुर में हो रही हजारों लीटर पानी की बर्बादी के बाद भी स्थानीय प्रशासन द्वारा कार्रवाई नहीं की जा रही है।
टूल्लू पंप का हो रहा उपयोग शहर के कई इलाके ऐसे में जहां पर लोग टुल्लू पंप लगाकर पानी भर रहे हैं और फिर दरवाजे को साफ करने से लेकर वाहनों और घर के सामने की रास्ता तक पानी से धुलने का काम किया जाता है। इसकी जानकारी विभाग के अधिकारियों को है, लेकिन इसके बाद भी कार्रवाई नहीं की जा रही है।