शहर में इलेक्ट्रिक वाहनों डिमांड का अंदाजा इस से लगा सकते हैं कि ई-रिक्शा व स्कूटर के शोरूम में वाहनों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। शहर में करीब एक दर्जन से अधिक इलेक्ट्रिक दो पहिया वाहनों के शो रूम है और करीब आधा दर्जन स्थानों में ई-रिक्शा के शोरूम खुले हैं। ई- वाहनों की बिक्री बढऩे में दो बाधाएं लोगों इसको खरीदने से रोक रहीं हैं, एक तो शहर में पेट्रोल पंप की तर्ज पर चार्जिंग पॉइंट की व्यवस्था नहीं होने से लोगों को परेशानी हो रही है। दूसरा इन वाहनों की मरम्मत के लिए हर जगह मिस्त्री नहीं होने से वाहन खराब होने पर उसे शो-रूम में ले जाना ही विकल्प है। ये दोनों बाधाओं का निस्तारण हो जाए तो शहर में ई वाहन की बिक्री आौर बढ़ जाएगी। ऐसे में लोग अपने घरों में फिर परिचित के घरों में चार्ज कर रहे हैं। वहीं कुछ लोग किराए के घरों में रहने से रिक्शा को चार्ज के के लिए परेशान होते हैं। ऐसे में रिक्शा चालकों ने प्रशासन की ओर से शहर में चार्जिग प्वांइंट खोलने की मांग की है। जिससे लोगों को राहत मिल सके। वहीं घरों में घरेलू बिजली से चार्ज किए जा रहे कार व रिक्शा को लेकर सजग नहीं हा रहे हैं।
टूव्हीलर को चार्ज करने में 1 से २ यूनिट होती है खर्च एक इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर को चार्ज करने में 1 से २ यूनिट तक खर्च होती है, कार को चार्ज करने में 6 से ७ यूनिट बिजली खर्च होती है। चार्जिंग स्टेशन पर टू-व्हीलर को फुल चार्ज करने में 20 से 60 रुपए और फोर-व्हीलर को चार्ज करने में 60 से 70 रुपए खर्चा आता है। यदि आप घर पर इलेक्ट्रिक वाहन को चार्ज करते हैं तो यह खर्च कम आएगा। बड़े इलेक्ट्रिक वाहनों के आने के बाद चार्जिंग स्टेशनों की आवश्यकता होगी, क्योंकि वे पूरी रात चार्ज होंगे और बिजली की खपत भी बढ़ेगी।
फैक्ट फाइलईवी कार- ०९ ई-रिक्शा- २४००ई-रिक्शा लोडर- ५० ई-स्कूटर- ५०००