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मरीजों को मौत की चौखट पर पहुंचा रहे झोलाछाप,विभाग लापरवाह

locationछतरपुरPublished: Nov 16, 2018 12:07:42 pm

Submitted by:

Samved Jain

प्रशासन बेखबर, मेडिकल दुकान में कर रहे मरीजों को भर्ती

chhatarpur

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उन्नत पचौरी छतरपुर। जिले के शहरी क्षेत्रों के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टरों ने अपनी दुकानें सजाकर पैर जमा लिए हैं। यहां बिना किसी डिग्री या फिर फर्जी डिग्री के झोलाछाप डॉक्टर बेराकटोक मरीजों का इलाज कर रहे हैं। इसकी जानकारी प्रशासन को बखूबी होने के बावजूद भी इन झोलाछाप डॉक्टरों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। ग्रामीण क्षेत्र में बिना डिग्री के झोलाछाप डॉक्टर क्लीनिक खोलकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। क्षेत्र में ऐसे डॉक्टरों की भरमार है। जिनके पास न तो कोई डिग्री है और न ही स्वास्थ्य विभाग में पंजीकृत हैं। इसके बाबजूद भी इन डॉक्टरों की ओर से जगह-जगह दुकानों में क्लीनिक संचालित कर मरीजों को दवाइयां देकर उनके स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। कई झोलाछाप डाक्टर मरीजों को एक कमरे की दुकान में भर्ती कर इलाज कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इसके चलते बिना डिग्री वाले यह डॉक्टर बेपरवाह होकर अपने क्लीनिक संचालित कर रहे हैं। जिसके चलते कई बार ऐसे डॉक्टरों के गलत इलाज देने से कई लोगों की जानें भी जा चुकी हैं। लेकिन फिर स्वास्थ्य विभाग चेतने का नाम नहीं ले रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे क्लीनिक :
ग्रामीण क्षेत्रों सहित अधिक आवादी वाले गांवों में झोलाछाप डॉक्टरों के क्लीनिक संचालित हो रहे हैं। क्षेत्र में क्लीनिक संचालित कर रहे अधिकतर डॉक्टरों के पास डिग्रियां नहीं हैं। इसके बाबजूद भी इनकी ओर से मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इन डॉक्टरों की ओर से ग्रामीणों को खांसी, जुकाम, बुखार सहित अन्य सामान्य बीमारियों के इलाज के नाम पर दवाइयां दी जा रही हैं। इनसे दवाइयां लेने के बाद कुछ ही मरीजों को स्वास्थ्य लाभ मिल पाता है। अधिकतर मरीजों को इन डॉक्टरों की दवाइयों से किसी प्रकार का लाभ नहीं मिलता। इसके बाद मरीज शहर के अस्पतालों की ओर रुख करते हैं। इसके चलते मरीज और बीमार हो जाते हैं। दवाइयों के खर्च के साथ समय भी अधिक बढ़ जाता है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से इन डॉक्टरों के खिलाफ किसी प्रकार की कारवाई नहीं की जा रही है।
बिना जांच के दी जा रही दवाइयां :
जिले में पूरी तरह से अपने पैर जमा चुके झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा मरीजों को बिना जांच के ही दवाइयां दी जा रहीं हैं। जो मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं। इन डॉक्टरों द्वारा अधिकतर एंटीबॉयटिक दवाइयां और इंजेक्शन दिए जाते हैं। इनमें से कुछ दवाइयां और इंजेक्शन सामान्य बीमारियों वाले मरीजों में तो काम कर जाती है। अधिकतर मामलों में मरीजों को लाभ नहीं मिल पाता।
डिग्री किसी और की, कोई और कर रहा इलाज :
ग्रामीण क्षेत्रों में इस समय अवैध दवाखानों का संचालन कर रहे झोलाछापों द्वारा अन्य किसी चिकित्सक की डिग्री को दवाखाने पर रखकर बेधड़क मरीजों का उपचार किया जा रहा है। बिना किसी जानकारी के उपचार से मरीजों की जान पर बन आती है और केस न संभलने की स्थिति में मरीज को रैफर करा दिया जाता है। ऐसा नहीं है कि शहर सहित ग्रामीण अंचलों में खुलेआम संचालित हो रहे अवैध क्लीनिकों पर मरीजों के जीवन से खिलवाड़ की जानकारी प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग को न हो लेकिन जिम्मेदार आखों पर धुंधला चश्मा लगाकर बैठे हुए हैं।
हो चुकी है कई मरीजों की मौत :
बेबाक होकर जिले के कोने कोने में बैठकर मरीजों का इलाज कर रहे झोलाछाप डाक्टरों की ओर से मरीजों को मौत की चौखट पर पहुंचाने के दर्जनों मामले सामने आ चुके हैं। बीते एक वर्ष पहले बकस्वाहा में एक बच्चे को झोलाछाप डॉक्टर द्वारा गलत इलाज लगाने से मौत हो गई थी। बकस्वाहा के कुढाजनी गांव निवासी चमकिया बारेला ४ नवम्बर १७ को अपने पुत्र सरवन बारेला (ढेड वर्ष) को लेकर बकस्वाहा के झोलाछाप डॉक्टर कमलापत कुशवाहा के यहां पर ले गया और इलाज कराया। जिसके इलाज के दौरान गलत इंजेक्शन लगाने से बच्चे की मौके पर मौत हो गई। जिसके बाद मृतक के पिता ने थाने में डॉक्टर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसके बाद पुलिस ने डॉक्टर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। लेकिन चार में बाद जेल से आते ही फिर से अपने घर पर ही लोगों का इलाज करना फिर शुरू कर दिया।
जान लेने के बाद भी कर रहे इलाज :
जिले में कई झोलाछाप डॉक्टरों के इलाज के दौरान मरीजों की मौत हो चुकी है। जिससे डॉक्टार को कोर्ट द्वारा सजा दी गई और डॉक्टर को जेल भेज दिया गया। बाद में डॉक्टर जेल से निकलते ही फिर किसी अन्य स्थान में अपने दुकान सजा लेते है और फिर से मरीजों की जान से खिलवाड़ शुरू कर देते हैं। इसकी जानकारी बीएमओ सहित सीएमएचओ को भी बखूबी होने के बाद भी कार्रवाई करने की हिमाकत नहीं जुटाई जा रही है।
विभाग की लापवाही से पनप रहा मेडिसन का अवैध व्यापार :
स्वास्थ्य विभाग की लापवाही के चलते जिले में अवैध रुप से मेडिसन और क्लनिक के नाम पर बिना डिग्री के इलाज कर रहे हैं। जिले के कई ऐसे स्वास्थ्य केंद्र हैं जहां पर महीनों में एक दो दिन ही अस्पताल जाते हैं और रजिस्टर में हाजिरी भर कर वापस लौट जाते हैं। जिससे वहां की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चौपट हैं। इसी कारण लोगों को मजबूरन इन झोलाछाप डॉक्टरों की शरण लेनी पड़ रही है।
मात्र दिखावा है कार्रवाई :
जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई बार ऐसे डॉक्टरों के यहां और मेडिकल स्टोरों पर छापामार कार्रवई की गई। लेकिन बाद में अधिकांस झोलाछाप डॉक्टरों के यहां और मेडिकल स्टोरों कार्रवाई होने के बाद कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिससे स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई कार्रवाई मात्र दिखावा साबित हो रहीं हैं।
बोले अधिकारी :
अभी कुछ दिनों पहले छापामार कार्रवाई की गई थी। विभाग स्तर से लगातार कार्रवाई की जाती है। किसी भी झोलाछाप डॉक्टर को नहीं बख्शा जाएगा जो अवैध रूप से क्लीनिक संचालित कर रहे हैं।
व्हीएस वाजपेयी, सीएमएचओ छतरपुर
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