शहर के प्रसिद्ध नेत्र सर्जन डॉ. एसएस बुंदेला ने कहा कि जब तक सिस्टम नहीं सुधरेगा, राजनीति से भ्रष्टाचार खत्म नहीं होगा, तब तक जनता को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पाएंगी। रिटायर प्रोफेसर डॉ. एमसी अवस्थी ने कहा कि अब तक चुने गए लोगों ने केवल पावर प्राप्त करके यहां के संसाधनों का दोहन किया और अपने घर भरे। आज भी लोग सड़क, बिजली, पानी और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं। एडवोकेट गोकुल प्रसाद गुप्ता ने कहा कि सभी समस्याओं को हल तो नहीं किया जा सकता है, लेकिन किसी एक क्षेत्र में काम किया जाना चाहिए। एडवोकेट अनिल रावत ने कहा कि जनप्रतिनिधि अब व्यक्तिगत स्वार्थों से उठकर क्षेत्र के विकास पर ध्यान दें। मेडिकल कॉलेज की मांग तो पूरी कर दी गई, लेकिन उसे पूरा करने के दिशा में ठोस प्रयास नहीं किया जा रहा है। बेरोजगारी बड़ी समस्या है।
जीतेंद्र सिंह जित्तू ने कहा कि बुंदेलखंड में सिंचाई की समस्या है। केन-बेतवा लिंक परियोजना अधूरी पड़ी है। हनुमान टौरिया ट्रस्ट के सचिव नीरज भार्गव ने कहा कि युवाओं के लिए रोजगार को प्राथमिकता दी जाए। जो भी जनप्रतिनिधि आए वह इस क्षेत्र में उद्योग की स्थापना के लिए काम करें। भारतीय मजदूर संघ के हरेंद्र सिंह चंदेल ने कहा कि बुंदेलखंड पिछड़ा है, यहां जब तक उद्योग नहीं खुलेंगे तब तक यहां पलायन की समस्या खत्म नहीं होगी। महिलाओं को रोजगार के अवसर दिए जाने चाहिए। युवाओं को टेक्निकल एजुकेशन दी जानी चाहिए। समाजसेवी शंकर सोनी ने कहा कि बुंदेलखंड क्षेत्र पलायनबादी हो गया है। इसे रोकने के लिए उद्योग लगाया जाना चाहिए। एनटीपीसी प्लांट का काम अधूरा पड़ा है। करोड़ों रुपए खर्च हो जाने के बाद भी यह योजना अधूरी पड़ी है। इसे प्राथमिकता पर लेना चाहिए। डॉ. राघव पाठक ने कहा कि रेल सेवाओं का विस्तार होना चाहिए। खजुराहो का इंटरनेशनल एयरपोर्ट शुरू होना चाहिए। समाजसेवी संतोष गंगेले कर्मयोगी ने कहा कि बुंदेलखंड के हिस्से में बदहाली ही आई है। वे पूरे क्षेत्र की हालत खुद देखकर आए हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य और सड़क की स्थित पूरे क्षेत्र में खराब है।
बैठक में केशव अग्रवाल, शिवकुमार ताम्रकार, शंकरप्रसाद तिवारी, जीपी अवस्थी, संतोष अग्निहोत्री, गनेश प्रसाद शर्मा, अनिल कुमार सोनी, छोटेलाल अग्रवाल, सीताराम कुशवाहा, आरके पाठक, प्रमोद टिकरिया, बिहारीलाल कुशवाहा, बीएल चौरसिया, आरके पाठक, पं. रामकिशोर शर्मा, प्रशांत रावत, मुकेश मिश्रा, मनोज गुप्ता, बिहारीलाल, गणेश प्रसाद शर्मा, नीलम पांडेय, स्मिता जैन सहित अनेक लोगों ने अपनी बात रखी।