छतरपुरPublished: Sep 12, 2018 09:40:36 am
rafi ahmad Siddqui
जैविक खेती कार्यक्रम
Nutrient deficiencies in soil Remove biological way
छतरपुर। भारतीय सांस्कृतिक निधी नई दिल्ली इंटेक व मप्र गांधी स्मारक निधि छतरपुर के द्वारा चलाए जा रहे जैविक खेती कार्यक्रम के अंतर्गत बुंदेलखंड के छतरपुर जिले के विकासखंड गौरिहार के नाहरपुर गांव में तीन दिवसीय जैविक खेती प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में गांव में उपलब्ध चीजों से किसानों को मिट्टी परीक्षण, बीज, खाद, कीटनाशक एवं कीट रोधक बनाने प्रशिक्षण दिया गया।
बताया गया कि रसायनिक खेती से लागत मूल्य काफी मात्रा में बढ़ गए हैं। इस वजह से आमदनी कम और लागत मूल्य अधिक ऐसी स्थिति पैदा हो गई है। इनके प्रयोग से सब्जी फल स्वास्थ्य के लिए जहरीले बन गए हैं। भूमि की उर्वरा शक्ति दिन प्रतिदिन घटती ही जा रही है। अनाज की पोषण-शक्ति घट रही है उपज भी तुलना में कम होती जा रही हैं। हरितक्रांति के बाद हमारी खेती में सबसे अधिक उपयोगी थे। गाय-बैल और पशु-पक्षी जो कम होते जा रहे हैं, जमीन के सूक्ष्म जीवाणु और केंचुआ, तितली, मधुमक्खी समाप्त होते जा रहे है। इनका एकमात्र विकल्प है सजीव खेती। इसी के तहत आयोजित शिविर में इंटेक नई दिल्ली से डॉ. ऋतु सिंह ने बुंदेलखंड के इस क्षेत्र के कृषि चक्र को समझकर किसानों को मिट्टी परीक्षण की आवश्यकता एवं उपयोगिता एवं मिट्टी की दशा सुधारने के बारे में बताया। गांव से विभिन्न प्रकार के नमूने लेकर मिट्टी का परीक्षण कर उसकी स्थितियों का व्यवहारिक प्रदर्शन किया। मिट्टी में पाए जाने वाले पोषक तत्वों की कमी को जैविक तरीके से कैसे पूरा किया जाए इस पर विस्तृत प्रशिक्षण दिया। शिविर में वर्धा महाराष्ट्र से वरिष्ठ जैविक कृषि विशेषज्ञ डॉ. प्रीति जोशी ने गृहवाटिका, जैविक खाद बनाने की नाडेप टांका, बायोडंग, केंचुआ खाद आदि विधियों का प्रायोगिक प्रशिक्षण दिया। लोक विज्ञान संस्थान देहरादून के कृषि विशेषज्ञ के विनोद निरंजन ने श्री विधि खेती, बीज चयन, बीज शोधन, बीज उपचार एवं कीटनाशक व कीटरोधक की जैविक विधि का प्रायोगिक प्रशिक्षण दिया। शिविर के समापन सत्र में किसानों को प्रमाण-पत्र वितरित किए गए और गांव के किसानों ने जैविक खेती करने का संकल्प लिया। शिविर में गांव के 50 किसान प्रशिक्षण प्राप्त किया। शिविर में रितु नरवरिया, भारती इंटेक नई दिल्ली, सुभाष सिंह, मानसिंह, राजेंद्र सिंह, ज्ञान सिंह, चंद्रपाल सिंह, विवेक गोस्वामी आदि मौजूद रहे।