महाराष्ट्र की 11 सदस्यीय टीम आज से मंगल ग्रामों में काम करेगी
– एक सप्ताह तक मंगल ग्रामों में रहकर टीम ने करीब से देखे काम
छतरपुर। जिले के मंगल ग्रामों में आंतरिक परिवर्तन के लिए काम कर रहे मंगल ग्राम सहयोगियों के सहयोग के लिए महाराष्ट्र के सतारा जिले के विभिन्न आदश ग्रामों के 11 स्वयंसेवी 24 जुलाई बुधवार की सुबह छतरपुर पहुंच रहे हैं वे लगभग 1 सप्ताह तक मंगल ग्रामों में रहकर व्यक्ति के आंतरिक परिवर्तन के लिए काम करेंगे। मंगलवार को उन्होंने भोपाल के राजभवन में सागर संभाग के कमिश्नर रहे राज्यपाल के सचिव मनोहर दुबे से विस्तार से बातचीत की। इस दल ने भोपाल के राज्य आनंद संस्थान में मुख्य कार्यपालन अधिकारी अखिलेश अर्गल से भी भेंट की।
मास्टर ट्रेनर आनंद लखनलाल असाटी ने बताया की टीम बुधवार सुबह मंगल ग्राम ललौनी, बगौता, सरानी एवं सौरा पहुंचेगी जहां मंगल ग्राम सहयोगियों के साथ विचार-विमर्श के उपरांत अल्पविराम के माध्यम से व्यक्ति के आंतरिक परिवर्तन पर काम करेगी। इस टीम में आदर्श ग्राम जरेवाड़ी से किरण कलंबे, किशोर करंजकर, अखेंगनी से विलास गावड़ विवार से मयूर परते राजपुरे वाडी संजय बीरमने ग्राम परी से धनंजय अंबराले, गनेश पुजारी, विशाल बागड़े, सागर बेलोसे, अशोक मोरे एवं मोरेश्वर परते शामिल हैं।
इस 11 सदस्यीय टीम में शामिल सभी ग्रामीण महाराष्ट्र के विभिन्न ग्रामों के हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय नैतिक पुनरुत्थान संस्थान इनीशिएटिव आफ चेंज पंचगनी से अल्पविराम का प्रशिक्षण लेने के बाद अपने अपने गांव में व्यापक परिवर्तन किया है। ग्रामपरी, जरेवाडी आदि गांव का भ्रमण तो छतरपुर जिले से पहुंचे 40 मंगल ग्राम सहयोगियों ने खुद जाकर अनुभव किया तो पाया कि गांव में स्वच्छता और कचरा प्रबंधन को लेकर आदर्श स्थिति है गांव का भूजल स्तर भी बढ़ाया गया है। गांव पूरी तरह से नशा मुक्त है सरकारी योजनाओं का लाभ भी पूरी पारदर्शिता के साथ सबसे अधिक जरूरतमंद को सबसे पहले पहुंचता है। इन गांवों की ग्रामसभा अत्यंत सशक्त है। छोटे से छोटे काम के लिए भी गांव के लोग सामूहिक रूप से बैठकर अल्पविराम लेते हैं और उनके निर्णय सामूहिक और सर्व०सम्मत होते हैं। सागर कमिश्नर रहे मनोहर दुबे ने भी ग्रामपरी और ग्राम जरेवाडी का भ्रमण किया है। दुबे ने हीं छतरपुर जिले में 10 गांवों को मंगल ग्राम बनाने का प्रोजेक्ट शुरू किया था। बाह्य विकास के साथ-साथ आंतरिक विकास को भी आवश्यक मानते हुए अल्पविराम कार्यक्रम को लागू किया गया, जिसमें सबसे पहले आंतरिक परिवर्तन पर जोर दिया जाता है।
राज्य आनंद संस्थान के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अखिलेश अर्गल ने भोपाल में इस टीम के साथ विस्तार से बातचीत की और उन्हें राज्य आनंद संस्थान की गतिविधियों के साथ-साथ छतरपुर जिले में संचालित विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी दी। इस दल ने मध्यप्रदेश में अल्पविराम मंगल ग्राम परियोजना आनंदम केंद्र आनंद सम्मेलन आनंद शिविर आदि कार्यक्रमों को अत्यंत सराहनीय और प्रभावी बताया।
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