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छतरपुर

व्यापार के लिए अंग्रेजी, व्यवहार में देशी भाषाएं प्रयोग करने पर जोर

खजुराहो लिट फेस्ट: सहूलियत की सियासत पर चर्चा

छतरपुरJan 20, 2020 / 01:47 am

नितिन सदाफल

English for business, emphasis on using native languages in practice

English for business, emphasis on using native languages in practice

छतरपुर. खजुराहो लिटरेचर फेस्टिवल के दूसरे दिन देश में चल रही जुगाड़ वाली राजनीति की विचारधारा पर विस्तार से चर्चा हुई। जिसमें वैज्ञानिक एवं लेखक आनंद रंगनाथन, स्तंभकार अभिनव प्रकाश, समीर अब्बास तथा प्रकाश श्रीवास्तव ने भाग लिया। जुगाड़ की राजनीति सत्र का संचालन दिल्ली यूनिवर्सिटी की सहायक प्रोफेसर डॉ. नेहा सिंह ने किया।
चर्चा के दौरान अपने विचार व्यक्त करते हुए, सरपंच भक्ति शर्मा ने कहा कि महज दो-तीन विश्वविद्यालयों के छात्रोंं के चलते सभी युवाओं पर सवालिया निशान नहीं लगाना चाहिए। अभिनेता प्रकाश बेलावडी ने कहा कि इंडिया का विचार भले ही नया हो, लेकिन भारत का विचार प्राचीन है। हमें सोचने के अपने देशी तरीके को तवज्जो देनी चाहिए, साथ ही नये तरीकों से भी सोचना चाहिए। भाषा के बारे में उन्होंने कहा कि अंग्रेजी पर निर्भरता के साथ हम मस्तिष्क का उच्च विकास नहीं कर सकते। व्यापारिक कार्यों के लिए अंग्रेजी ठीक हो सकती है, लेकिन समझने समझाने के लिए हमें अपनी देशी भाषा ही प्रयोग करनी चाहिए।
अभिजीत अय्यर मित्रा ने भारत में क्षति नियंत्रण के बारे में बोलते हुए कहा कि हम हर साल 16 अरब डॉलर ऊर्जा की चोरी झेलते हैं। अपराधों के बारे में उन्होंने कहा कि दुनिया में भारत को रेप कैपिटल कहना गलत है, क्योंकि आंकड़े गवाह हैं कि बलात्कार की सर्वाधिक दर दक्षिण अफ्रीका और स्वीडन में है। सरकार के बारे में उनका कहना था कि केंद्र सरकार एकाकी तरीके से काम कर रही है, हालांकि विकास सही दिशा में हो रहा है।
दिन की शुरुआत नए भारत में विकासात्मक राजनीति के बदलते पैटर्न पर एक चर्चा सत्र से हुई, जिसमें देश के कुछ जाने-माने चिंतकों ने भाग लिया।
अभिजीत अय्यर मित्रा, सुश्री स्वाति गोयल शर्मा, गौतम चिंतामणि, सरपंच सुश्री भक्ति शर्मा और लेखक व आईआईएम काशीपुर बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के चेयरमैन संदीप सिंह ने अपने विचार रखे।
इसके बाद, अनेकता में एकता विषय पर हुए एक चर्चा सत्र में, अभिनेता एवं फिल्म निर्देशक प्रकाश बेलावडी, लखनऊ के एक वैज्ञानिक विवेक मौर्या और दिलीप तिवारी ने भाग लिया। विवेक मौर्या ने कहा कि विविधता में एकता के लिए भाषा एक महत्वपूर्ण टूल है। जुगाड़ की राजनीति के बारे में बोलते हुए समीर अब्बास का कहना था कि भारत एक देश नहीं, बल्कि एक सभ्यता है।
विविधता ही हमारी एक सबसे बड़ी शक्ति है, लेकिन यही भारत के लिए एक बड़ी चुनौती भी है। उद्घाटन सत्र में मणिपुर सरकार के शिक्षा मंत्री राधेश्याम सिंह, फिल्म निर्देशक एवं लेखक विवेक रंजन अग्निहोत्री और चिश्ती फाउंडेशन अजमेर के सैयद सलमान चिश्ती ने अपने विचार रखे। शाम को समकालीन भारतीय राजनीतिक संवाद में हिंदुत्व की वापसी पर एक सत्र हुआ। दिन का समापन कविताओं एवं संगीत के साथ हुआ।

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