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छतरपुर

फसलों को हुआ भारी नुकसान तो मजदूरी करने को विवश हो रहे किसान

सुबह से शहर में आकर कर रहे मजदूरी मिलने का इंतजार

छतरपुरMar 05, 2024 / 07:18 pm

Unnat Pachauri

मजदूरी मिलने के इंतजार में खड़े किसान मजदूर

मजदूरी मिलने के इंतजार में खड़े किसान मजदूर

छतरपुर. बीते दिनों जिले भर में आसमान गिरी आफत ने किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। ऐसे में कई किसानों ने कर्जा लेकर जुताई बुवाई कराई थी और इस नुकसान के बाद कर्जा भी चुकता नहीं दिख रहा है। जिससे किसान अब शहरों की ओर रूख कर रहे हें और चौक चोराहों पर खड़े होकर मजदूरी मिलने का इंजतार कर रहे हैं। बीते ३-४ दिनों से शहर में मजदूरों की संख्या में इजाफा हुआ है।
करीब १५ दिनों में कइ्र बार बारिश होने के साथ ही जिले व आसपास के जिलों में तेज हवाएं व ओलावृष्टि हुई है। इससे जिले के किसानों की खड़ी फसल गेहूं, सरसों, बाजरा, चना, मटर आदि में भारी नुकसान हुआ है। हालात हैं कि कई फसलें टूटकर खेतों में बिछ गई और मटर की फसल भी टूट गई है। ऐसे में खेतों को देख किसान सदमे में हैं। ऐसे में कई किसानों को अब फसल से लाभ की उम्मीद नहीं दिख रही है और इसी के चलते वह मजदूरी कार्य के लिए शहरों का रुख कर रहे हैं। बीते कुछ दिनों से खेती किसानी से जुड़े लोग शहर के छत्रसान चौक और पत्रकार चौक के पास काम के इंतजार में खड़े हो रहे हैं। छत्रसाल चौक में खड़े किसान मानसिंह यादव निवासी मलपुरा, मलखान कुशवाहा, रामदीन निवासी टटम ने बताया कि वह खेतों की रखवाली करते रहे हैं और रतजगा कर फसलों को जैसे तैसे जानवरों से बचाया था। तो भगवान ने बारिश के साथ कहर बरपा दिया है। जिससे अब फसल से लाभ व परिवार को भरण पोषण नहीं हो पाएगा। ऐसे में उन्हें मजबूरी में मजदूरी करने के शहर आना पड़ रहा है। इससे उनके परिवार का खर्च चल जाएगा।
बाजिब मेहनताना मिलने पर कर रहे कामछत्रसाल चौक में खड़े कुछ मजदूर काम पर जाने के लिए मोलभाव कर रहे थे, इसी दौरान कुछ मजदूरी के लिए ३५० व ३०० व उससे कम में भी काम करने के लिए तैयार हो गए। ऐसे ही एक मजदूर किसान लालमन कुशवाहा निवासी सिंहपुर ने बताया कि वह किराया लगाकर छतरपुर आया है और अगर मजदूरी नहीं मिली तो फिर उसे वापस जाना पड़ेगा, ऐसे में वह २९० रुपए में शाम तक जमदूरी के लिए तैयार हो गया।
महिलाएं भी निकालने लगी बाहर

हर वर्ष फसलों में हो रहे नुकसान के बाद अब महिलाएं भी परिवार का खर्च चलाने के लिए घरों से बाहर निकाल रहीं हैं और शहरों में आकर मजदूरी कर रहीं हैं। यहां पर मौजूद महिलाओं ने बातया कि गांव में कम मजदूरी मिलती हैं और समय पर रुपए नहीं मिल पाते हैं ऐसे में वह शहरों में काम की तलाश करने के लिए आ रहे हैं।

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