घायल गौवंश का इलाज हुआ बंद
छतरपुर•Feb 27, 2019 / 01:12 am•
हामिद खान
Do not survive the lives of cows, why the students
छतरपुर. शहर सहित जिले में घायल होने वाले गौवंश को उठाकर हरिओम गौशाला में ले जाकर निशुल्क इलाज करने वाले गौसेवक इन दिनों मायूस हैं। उनकी गौशाला में में एक सप्ताह के अंदर चार गायों की इलाज नहीं मिलने से तडफ़-तडफ़कर मौत हो गई है। प्रशासन ने इस गौशाला में गायों का इलाज करने के लिए आने वाले डॉ. अशोक अहिरवार की ड्यूटी चुनाव के काम में लगा दी है। इस कारण गायों का इलाज बंद हो गया है। हरिओम गौशाला में हर दिन घायल गायों का इलाज किया जाता रहा है। लेकिन निशुल्क रूप से सेवा करने वाली इस गौशाला में जो संसाधन थे, वह भी छिने जाने लगे हैं। पिछले 10 दिनों से यहां पशु चिकित्सा विभाग के डॉक्टर घायल गौवंश का इलाज करने आता था। लेकिन डॉ. अशोक अहिरवार की ड्यूटी भी चुनाव के किसी काम में लगा दी गई, इस कारण गायों का इलाज बद हो गया। गौशाला के पारस दुबे और मनीष अग्रवाल ने बताया कि घायल गौवंश को उठाने के लिए शासन से जो वाहन मिला था, उसका भुगतान नहीं होने से वह भी छिनने की नौबत आ गई है। ऐसे में घायल गौवंश इलाज के आभाव में तडफ़-तडफ़कर जान देने मजबूर हो गया है। एक तरफ सरकार घायल गौवंश को संरक्षण देने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर गौशाला खोलने की बात कर रही है, दूसरी तरफ जो गौशाला चल रही है, उसे संसाधनविहीन किया जा रहा है।