पांडियराजन ने कहा कि इस सिलसिले में 32 जिलों में हाई लेवल कमेटी बनाई गई थी। कमेटी ने इतिहासकारों और तमिल बुद्धिजीवियों से विमर्श कर नए नामों को लेकर सरकार को सुझाव दिए हैं। नाम बदलने के निर्णय पर मंत्री पांडियराजन का कहना है कि लोगों की मांग, शहरों के इतिहास और पुराने नामों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है।
भारतीय जनता पार्टी ने तमिलनाडु सरकार के इस फैसला का स्वागत किया है। भाजपा प्रवक्ता नारायण तिरुपति ने कहा है कि यह एक अच्छा फैसला है। लोग लंबे समय से कुछ जगहों के नाम बदलने की मांग कर रहे थे। अंग्रेजों के समय में और अन्य कारणों से जिन शहरों के नाम बदल दिए गए, उनको वापस पुराने नाम मिलने चाहिए। उन्होंने कहा हालांकि इस फैसले को लेने में देरी की गई है। बहुत पहले ही शहरों के नाम बदलने को लेकर फैसला किया जाना चाहिए था।